POOR CHARLIE’S
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CHARLES T. MUNGER
इंट्रोडक्शन
वॉरेन बफ़ेट के पार्टनर चार्ली मंगर, खुद भी दुनिया
के सबसे स्कसेसफुल इन्वेस्टर में से एक हैं. इन दोनों
की जोड़ी ने मिलकर बर्कशायर हैथवे यानि अपनी
कंपनी को आज इस मुकाम तक पहुंचाया है. जहाँ
बफ़ेट न्यूज़ और मीडिया में आए दिन हेडलाइन्स
की सुर्खियाँ बटोरते रहते है वही उनके पार्टनर, जोकि
अपनी लाइफ प्राइवेट रखना पसंद करते है, उनके बारे
में अभी भी ज्यादा लोगों को मालूम नहीं है. लेकिन
अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि ये समरी हमें मिस्टर
मंगर के बारे में सब कुछ बताएगी. वो कौन है,
उनका बैकग्राउंड क्या था, हैथवे में उनका रोल क्या है,
वगैरह-वगैरह. मिस्टर मंगर को अगर हम बफ़ेट का
राईट हैण्ड कहे तो कुछ गलत नहीं होगा.
बर्कशायर के वाईस चेयरमैन की स्पीच और उनकी
बातों को ]] टॉक के एक कलेक्शन के तौर पर
पब्लिश किया गया है जो हमें उनकी लाइफ के कुछ
अनछुए पहलू से रूबरू कराते हैं और साथ ही उनके
प्रिंसिपल, उनकी स्ट्रेटेज़ी और थिंकिंग के बारे में भी
बताते हैं. इस billionaire इन्वेस्टर को करीब
से जानने के लिए ये मज़ेदार और दिलचस्प समरी
आपको जरूर सुननी चाहिए. जैसे कि कहावत
से –
→
-1.
आपको जरूर सुननी चाहिए. जैसे कि कहावत
है “जो वॉरेन बफेट और चार्ली मंगर को नहीं
जानता, उसे इन्वेस्टमेंट बिजनेस के बारे में कुछ पता
नहीं है!” तो आइये शुरू करते हैं उनकी इंट्रेस्टिंग
कहानी और जानते है वो सब कुछ जो आज तक इस
billionaire के बारे में पब्लिक से छुपाकर रखा
गया था!
चैप्टर]
ये चैप्टर हमें चार्ली मंगर की शुरुवाती जिंदगी
के बारे में बताती है और इसमें हम जानेगे कि कैसे
चार्ली और वॉरेन बफेट मिले और कैसे उन्होंने
बर्कशायर हैथवे की फाउंडेशन रखी.
स्टोरी:
बर्कशायर हैथवे असल में दो जीनियस लोगों की
क्रिएशन है, वॉरेन बफ़ेट और चार्ली मंगर . जहाँ
बफ़ेट लोगों में काफी पोपुलर है और लोग उनके
बारे में काफी कुछ जानते भी है वही दूसरी तरफ चार्ली
थोड़े मिडिया शाई कहे जा सकते है जो एक गुमनाम
जिंदगी जीने में ज्यादा यकीन रखते है. उनका जन्म ],
जनवरी, 1924 में नेब्रास्का में हुआ था. उनकी शुरुवाती
एजुकेशन डंडी एलीमेंट्री स्कूल में हुई, बचपन में उन्हें
हैमस्टर्स पालना और उन्हें पाल-पोस कर बेचना अच्छा
लगता था, एक तरह से कहें तो ये उनकी हॉबी थी.
यानि हम कह सकते है कि उनके अंदर पैदाईशी एक
ट्रेडर के गुण थे क्योंकि अपने हैमस्टर्स को बेचते वक्त
वो कमाल की सौदेबाज़ी किया करते थे. 1930 में उन्हें
ट्रडर क गुण य क्याकि अपन हमस्टस का बचत वn
वो कमाल की सौदेबाज़ी किया करते थे. 1930 में उन्हें
अपनी फर्स्ट जॉब मिली जहाँ उन्हें 40 सेंट हर घंटे के
मिलते थे.
1931 में चार्ली ने अपनी ग्रेजुएशन कंप्लीट की और
ओमाहा में यूनिवेर्सिटी ऑफ़ मिशीगन में एडमिशन
लिया. चार्ली ने यहाँ मैथमेटिक्स की पढाई की. मिशिगन
से ग्रेजुएट होने के बाद चार्ली और नैंसी युगिंस की
शादी हो गई जो उनकी बहन की फ्रेंड थी. औ जल्द
ही दोनों का एक बेटा भी हुआ, टैडी. उसके बाद चार्ली
हार्वर्ड लॉ स्कूल में पढने चले गए जहाँ से उन्होंने 1948
में ग्रेजुएशन कम्प्लीट की. बाद में वो एक फर्म ज्वाइन
करने के लिए साउथ कैलिफोर्निया चले गए. चार्ली ने
साउथ पासाडेना में घर बनवाया जहाँ वो अपनी वाइफ
नैंसी और तीनों बच्चो, टैडी, molly और वेंडी के साथ
रहते है. लेकिन चार्ली की मैरिड लाइफ ज्यादा लंबी
नहीं चल पाई. 1953 में चार्ली और नैंसी का डिवोर्स
हो गया. पर उनकी मुसीबतें तब और बढ़ गई जब उन्हें
पता चला कि उनके सबसे बड़े बेटे टैडी को एक तरह
का ब्लड कैंसर है जिसकी वजह से कुछ वक्त बाद
उसकी मौत हो गई.
इन मुश्किल के दिनों में चार्ली की मुलाकात नैंसी बैरी
बोथविक से हुई जिनके खुद के बच्चे चार्ली की बेटियों
की उम्र के थे. दोनों ने जनवरी 1956 में शादी कर
ली. चार्ली के ऊपर घर परिवार और अपने काम की
जिम्मेदारियां बढती जा रही थी, तभी उन्ही दिनों उन्होंने
इन्वेस्टमेंट बिजनेस के बारे में सोचा. उस वक्त उन्होंने
पाटलेटीन लॉों टनेस करता था और
A <
उसकी मौत हो गई.
इन मुश्किल के दिनों में चार्ली की मुलाकात नैंसी बैरी
बोथविक से हुई जिनके खुद के बच्चे चार्ली की बेटियों
की उम्र के थे. दोनों ने जनवरी 1956 में शादी कर
ली. चार्ली के ऊपर घर परिवार और अपने काम की
जिम्मेदारियां बढती जा रही थी, तभी उन्ही दिनों उन्होंने
इन्वेस्टमेंट बिजनेस के बारे में सोचा. उस वक्त उन्होंने
पहले से ही एक लॉ फर्म में इन्वेस्ट कर रखा था और
इस तरह एक डिनर पार्टी में चार्ली की मुलाक़ात वॉरेन
बफ़ेट से हुई. पहली मीटिंग में ही दोनों को ऐसा
लगा कि उनके ख़यालात काफी मिलते है. अपने-अपने
घर पहुँचने के बाद भी दोनों की टेलीफोन पर काफी
लम्बी बातचीत हुई. दोनों में काफी कुछ कॉमन था,
वॉरेन ने बातो-बातो में चार्ली को कन्विंस कर लिया
कि उन्हें कोई और promising बिजनेस करना
चाहिए. दोनों की थिंकिंग काफी मिलती थी और अक्सर
दोनों एक ही स्टॉक में इन्वेस्ट करते थे. फिर जल्द ही
दोनों ने इस दोस्ती को एक स्टेप और आगे ले जाने
का फैसला किया और बिजनेस पार्टनर बन गए. दोनों
ने मिलकर बर्कशायर हैथवे की नींव रखी, एक ऐसी
कंपनी जो अंडरवैल्यूड कंपनीज़ को खोजकर उनके
रिकार्ड्स रखा करती थी और यहाँ से उनकी लाइफ ने
एक नया मोड़ लिया. फिर उन्हें इतनी सक्सेस मिली
कि दोबारा उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
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चैप्टर 2
The Munger Approach to Life,
Learning, and Decision Making
इस चैप्टर में हम चार्ली की इन्स्पिरेश्न, उनकी
में
इच्छाओं, उनका जीवन जीने का तरीका और उन
प्रिंसिपल्स के बारे में जानेंगे जो वो अपनी लाइफ
में फॉलो करते आए है.
स्टोरी:
द ग्रेट बेंजमिन फ्रैंकलिन को चार्ली अपना हीरो, अपना
आईडल मानते है और देखा जाए तो दोनों में काफी
कुछ कॉमन भी है, दोनों ही हार्डवर्किंग, पेशेंट, और
डिसप्लीन्ड है.
चार्ली सक्सेस के जिस मुकाम पर पहुंचे है, वो उनकी
ऑर्गेनाइज्ड लाइफ की वजह से है. लाइफ को लेकर
उनका नज़रिया बाकि इन्वेस्टर्स से एकदम अलग
है. वो किसी कंपनी का सिर्फ उपरी असेसमेंट नहीं
करते बल्कि कंपनी के बारे में गहरी रिसर्च करते है
और उसकी फाईनेंशीयल इन्फोर्मेशन निकाल लेते है.
जो टूल्स वो किसी कंपनी को रिव्यु करने के लिए यूज़
करते है, उन्हें वो” मल्टीपल मेंटल मॉडल” बोलते है. ये
मॉडल्स इन्फोर्मेशन इकठ्ठा करने,उसे आगे प्रोसेस करने
के बाद उस पर एक्शन लेने के लिए यूज़ होती है जिस
पर हम आगे डिटेल में बताएंगे
करते हैं, उन्हें वा” मल्टीपल मटल माडल” बोलत है. ये
मॉडल्स इन्फोर्मेशन इकठ्ठा करने,उसे आगे प्रोसेस करने
के बाद उस पर एक्शन लेने के लिए यूज़ होती है जिस
पर हम आगे डिटेल में बताएँगे.
चार्ली को लगता है कि इन्वेस्टमेंट डिसप्लीन के साथ
की जानी चाहिए. वो इसे एक example देते
हुए एक्सप्लेन करते है. टेड विलियम्स अकेला ऐसा
बेसबॉल प्लेयर है जिसके नाम 70 सालों में 400
सिंगल सीजन हिटिंग का रिकॉर्ड है. टेड ने अपनी
टेक्नीक एक्सप्लेन करते हुए बताया कि वो स्ट्राइक
ज़ोन को 77 सेल्स में डिवाइड कर देते है, जिनमे से हर
एक बेसबॉल की साइज़ के जितना होता है. फिर वो
स्ट्राइकिंग आउट का रिस्क लेकर भी बॉल को अपने
बेस्ट सेल्स में हिट करने की कोशिश करते है, क्योंकि
जितना वो अपने वर्स्ट स्पॉट्स तक पहुंचने की कोशिश
करेंगे उतना ही उनकी सक्सेस के चांस कम होते
जायेंगे. एक इन्वेस्टर होने के नाते आप के ऊपर हर
वक्त बिजनेस प्रपोजल या ऑप्शन की बारिश सी होती
है लेकिन आपके लिए हर मौके को लपकना जरूरी
नहीं है बल्कि आपको स्लो, स्ट्रेट और अपने बेस्ट
स्पॉट के अंदर ही कोई मौका ढूंढना चाहिए और फिर
उस पर पूरी ताकत से हिट करना चाहिए.
ज्यादातर इन्वेस्टर्स की प्रॉब्लम यही है कि वो जरूरत
से ज्यादा ही स्विंग कर लेते है यानि हर स्टॉक जो उन्हें
दिखता है, वहां इन्वेस्ट कर लेते है और जब राईट
अपोरच्यूनिटी आती है तो उनके पास इतना कैपिटल
4 ਰਹਾ ਪੈ ਰਹ
दिखता है, वहां इन्वेस्ट कर लेते है और जब राईट
अपोरच्यूनिटी आती है तो उनके पास इतना कैपिटल
नहीं बचता कि आगे और इन्वेस्ट कर सके.
चार्ली का एक रुल ये भी है कि क्या करना चाहिए,
इससे पहले ये डिसाइड कर लो कि क्या नहीं
करना चाहिए इसे लॉ ऑफ़ इन्वर्जन (law of
inversion) भी कह सकते है. जहाँ उन्हें लगता है
कि सिचुएशन काफी खराब जा सकती है, वो वहां पर
इन्वेस्ट करने का रिस्क ही नहीं लेते. जैसे एक्जाम्पल
के लिए अगर आप अमीर बनना चाहते हो, तो पहली
चीज़ आपको ये पता करनी है कि गरीबी कैसे दूर की
जाए. चार्ली अपनी हर प्रॉब्लम को इसी नज़रिए के
साथ सोल्व करते है. जिन कंपनीज़ के बारे में चार्ली
को डिसाइड करना होता है, उन्हें वो 3 कैटेगरी में
डिवाइड कर देते है: yes, no और too tough
to understand . बहुत कम कंपनीज़ उनकी
yes लिस्ट में शामिल होती है. फार्मास्यूटिकल और
टेक्नोलोज़ी कंपनीज़ अक्सर उन्हें कुछ खास समझ
नहीं आती.
जिन कंपनीज़ को हद से ज्यादा प्रमोट किया गया
हो वो उनकी नो लिस्ट में आती है. ये प्रोसेस यहीं पर
खत्म नहीं होता बल्कि और भी टफ हो जाता है.
चार्ली मल्टीपल फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए कंपनी
को चूज़ करते है जैसे स्टेट ऑफ़ लेबर, सप्लायर,
कस्टमर रिलेशन , स्केलेबीलीटी, हिडन एक्सपोजर्स,
एनवायरनमेंटल इश्यूज वगैरह. फाईनली कंपनी की
इंट्रीन्सिक वैल्यू को उसके मार्केट प्राइस से कम्पेयर
A
इन्वेस्ट करने का रिस्क ही नहीं लेते. जैसे एक्जाम्पल
के लिए अगर आप अमीर बनना चाहते हो, तो पहली
चीज़ आपको ये पता करनी है कि गरीबी कैसे दूर की
जाए. चार्ली अपनी हर प्रॉब्लम को इसी नज़रिए के
साथ सोल्व करते है. जिन कंपनीज़ के बारे में चार्ली
को डिसाइड करना होता है, उन्हें वो 3 कैटेगरी में
डिवाइड कर देते है: yes, no और too tough
to understand . बहुत कम कंपनीज़ उनकी
yes लिस्ट में शामिल होती है. फार्मास्यूटिकल और
टेक्नोलोज़ी कंपनीज़ अक्सर उन्हें कुछ खास समझ
नहीं आती.
जिन कंपनीज़ को हद से ज्यादा प्रमोट किया गया
हो वो उनकी नो लिस्ट में आती है. ये प्रोसेस यहीं पर
खत्म नहीं होता बल्कि और भी टफ हो जाता है.
चार्ली मल्टीपल फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए कंपनी
को चूज़ करते है जैसे स्टेट ऑफ़ लेबर, सप्लायर,
कस्टमर रिलेशन , स्केलेबीलीटी, हिडन एक्सपोजर्स,
एनवायरनमेंटल इश्यूज वगैरह. फाईनली कंपनी की
इंट्रीन्सिक वैल्यू को उसके मार्केट प्राइस से कम्पेयर
करके देखा जाता है. चार्ली रिस्क फैक्टर्स का भी
ध्यान रखते है. वो ऐसे लोगों के साथ कभी डील नहीं
करते जो भरोसे के लायक ना हो या जिनके बारे में
कुछ अफवाहे फैली हो. चार्ली कभी भेडचाल में यकीन
नहीं रखते. उनके यही प्रिंसिपल्स और एथिक्स चार्ली
को वो बनाते है, जिसकी वजह से वो जाने जाते है!
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चैप्टर 3
Mungerisms: Charlie Unscripted
Highlights from Recent Berkshire
Hathaway and Wesco Financial
Annual Meetings
चार्ली और वॉरेन बफ़ेट का आपसी तालमेल
बहुत गहरा है जिसके बारे में लोग चर्चा करते है.
हमें ये भी पता चलता है कि म्यूचअल फंड मैनेजर्स
और लॉ फर्स को लेकर चार्ली क्या सोचते है, तो
इस बात से हमें चार्ली के बारे में थोड़ा और
जानने का मौका मिलता है.
स्टोरी:
वॉरेन बफेट और चार्ली मंगर इन्वेस्टमेंट की
दुनिया की एक महान जोड़ी मानी जाती है और
कैसे इन दोनों ने इतनी बड़ी सक्सेस अचीव की और
इन्वेस्टमेंट बिजनेस की दुनिया में अपना नाम कमाया,
ये जानना हर इन्वेस्टर के लिए जरूरी है. वॉरेन
बफ़ेट को जानने के लिए उनकी स्पीच, आर्टिकल्स
और उनकी बुक्स पढ़कर हमें काफी जानकारी मिलती
है, पर जहाँ तक चार्ली मंगर का सवाल है तो वो एक
बेहद प्राइवेट लाइफ जीने वाले इन्सान है. वो पब्लिक
में कभी कुछ नहीं बोलते या लिखते और उनके बारे में
अब तक सिर्फ दो ही बुक्स पब्लिश हुई है यानि बहुत
बेहद प्राइवेट लाइफ जीने वाले इन्सान है. वो पब्लिक
में कभी कुछ नहीं बोलते या लिखते और उनके बारे में
अब तक सिर्फ दो ही बुक्स पब्लिश हुई है यानि बहुत
कम लोग होंगे जो उनके बारे में जानते है.
खैर, इतनी गुमनाम जिंदगी जीने के बावजूद चार्ली
का वॉरेन बफ़ेट की लाइफ में काफी इम्पोर्टेट रोल
रहा है और शायद हमेशा रहेगा. उनके बिना बफ़ेट
शायद अकेले पड़ जाते. बफ़ेट शुरू से ही कोई भी
इन्वेस्टमेंट करने से पहले चार्ली को बुलाकर उन्हें बताते
थे कि वो इस-इस कंपनी में इन्वेस्ट करने की सोच रहे है
और चार्ली उन्हें वो सारे रिस्क फैक्टर बताते थे जो उस
पर्टिक्यूलर इन्वेस्टमेंट में आ सकते है, फिर वॉरेन उन्हें
कहते “हाँ मुझे लगता, तुमने ये सही पॉइंट उठाया है”.
कई बार ऐसा भी होता था कि वॉरेन अपने डिसीजन
पर अड़े रहते थे , तब चार्ली उन्हें कहते थे, “अगर ऐसा
है तो मैं भी इन्वेस्ट करने को तैयार हूँ”
हालाँकि इन दोनों ने कई बार ऐसी भी गलतियां की
जिससे उन्हें कई बिलियन डॉलर का नुक्सान हुआ था
पर वक्त के साथ-साथ दोनों ने काफी कुछ सीखा भी
और इम्प्रूव भी किया. उनके डिसीजन धीरे-धीरे राईट
प्रूव होने लगे. वो कहते हैं कि उन्होंने दो गलतियां की
है – 1. जब उन्हें कुछ करना चाहिए था तब उन्होंने
कुछ नहीं किया 2. जो चीज़ उन्हें ज्यादा लेनी थी, वो
उन्होंने कम खरीदी.
साथ ही दोनों म्यूचअल फंड्स को लेकर भी काफी
डाउट में रहते है और उन्हें हमेशा यही लगता है कि
म्यूचल फंड मैनेजर्स रिश्वत लेकर अपने ही शेयरहोल्डर्स
साथ ही दोनों म्यूचअल फंड्स को लेकर भी काफी
डाउट में रहते है और उन्हें हमेशा यही लगता है कि
म्यूचल फंड मैनेजर्स रिश्वत लेकर अपने ही शेयरहोल्डर्स
को ठगते है. इसे वो एक एक्जाम्पल से कम्पेयर करते
है जहाँ कोई आदमी आपसे कहे कि “सुनो, तुम्हारी माँ
का मर्डर कर देते है और इंश्योरेंस का पैसा आपस में
बाँट लेते है”. है ना बेवकूफी की बात?
तो म्यूचअल फंड मैनेजर्स के लिए इन दोनों के कुछ ऐसे
ही विचार है. इन्हें लगता है कि म्यूचअल फंड मैनेजर
लालची लोग होते है जो सिर्फ अपने फायदे के लिए
काम करते है. खैर, ये तो थी म्यूचअल फंड मैनेजर्स की
बात, लेकिन लॉयर्स और लॉ फर्म वाली को लेकर भी
इन दोनों के विचार कुछ ख़ास नहीं है. इस बात का
एक एक्जाम्पल हम एक बिजनेस वुमन मार्था स्टीवर्ट
का देना चाहेंगे जिसने $45,673 के नुक्सान से बचने
के लिए एक नॉन-पब्लिक इन्फोर्मेशन के बेसिस पर
अपने सारे शेयर्स बेच डाले थे . उसे ना जाने क्यों लगा
कि उससे गलती हो गई है और जब इन्वेस्टीगेटर्स ने
उससे पूछताछ की तो वो साफ झूठ बोलने लगी. ये
काफी सिरियस क्राइम था और ये सब उसने तब किया
जब उसने लॉयर्स को हायर कर लिया था, जिन्होंने
उससे काफी भारी-भरकम फीस वसूली थी. वो बेचारी
तो फंस गई पर लॉयर्स से उसे क्या मदद मिली?
बात जब अमीर और खुश रहने की हो तो मंगर कहते
है कि दोनों में काफी फर्क है. लाइफ में खुश रहने के
लिए ये इम्पोर्टेट है कि हमारी मैरिड लाइफ हंसी-ख़ुशी
गुज़र रही हो, हम कोई ड्रग्स वगैरह के चक्कर में ना
के लिए एक नॉन-पब्लिक इन्फोर्मेशन के बेसिस पर
अपने सारे शेयर्स बेच डाले थे . उसे ना जाने क्यों लगा
कि उससे गलती हो गई है और जब इन्वेस्टीगेटर्स ने
उससे पूछताछ की तो वो साफ झूठ बोलने लगी. ये
काफी सिरियस क्राइम था और ये सब उसने तब किया
जब उसने लॉयर्स को हायर कर लिया था, जिन्होंने
उससे काफी भारी-भरकम फीस वसूली थी. वो बेचारी
तो फंस गई पर लॉयर्स से उसे क्या मदद मिली?
बात जब अमीर और खुश रहने की हो तो मंगर कहते
है कि दोनों में काफी फर्क है. लाइफ में खुश रहने के
लिए ये इम्पोर्टेट है कि हमारी मैरिड लाइफ हंसी-ख़ुशी
गुज़र रही हो, हम कोई ड्रग्स वगैरह के चक्कर में ना
फंसे, हमें एड्स जैसी कोई बीमारी ना हो. यानि अमीर
बनकर ही इन्सान खुश रहेगा, ये जरूरी नहीं बल्कि
खुश रहने के लिए ये जरूरी है कि हम लाइफ में कोई
गलत काम ना करे और जो है, जितना है उसी में खुश
रहे.
एक सिरियस इन्वेस्टर होने के बावजूद चार्ली एक
ज़िंदादिल इन्सान है जिन्हें हँसना-हँसाना बड़ा पसंद है.
एक बार एक कॉकटेल पार्टी में किसी ने उनसे पुछा क्या
वो पियानो बजाते है तो उन्होंने कहा, “नहीं, मुझे अब
तक नहीं मालूम क्योंकि मैंने अभी तक try ही नहीं
किया”. चार्ली के अंदर जो सेन्स ऑफ़ ह्यूमर है, उनकी
एक्सपर्टीज़, नॉलेज और डिसप्लीन है, इन सब चीजों
का उनकी सक्सेस में काफी बड़ा हाथ है.
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Chapter Four
Eleven Talks
चार्ली की स्पीच, इन्वेस्टमेंट, रियल वर्ल्ड सीनेरियो
और जीवन जीने के तरीके को लेकर जो इम्पोर्टेट
की-पॉइंट्स है, उन सबको कम्बाइन करके ये चैप्टर
लिखा गया है.
स्टोरी:
Harvard School Commencement
Speech,
ये स्पीच चार्ली ने Los Angeles, हार्वर्ड स्कूल में
1986 में दी थी. अपनी स्पीच में चार्ली ऑडियंस को
बताते है कि लोग किन-किन वजहों से मुसीबत में
फंस सकते है. उनका पहला प्रिस्क्रिप्शन या नुस्खा है
unreliable होना यानी जिस पर भरोसा ना किया
जा सके. चार्ली लोगों को बताते है, “कॉलेज टाइम में
उनका एक रूममेट था जिसे सिरियस डिसलेक्सीया की
प्रॉब्लम थी. उनका रूममेट बड़ा ही रिलाएबल इन्सान
था और उसकी वाइफ और बच्चे भी बड़े अच्छे थे. वो
एक मल्टी बिलियन डॉलर कंपनी का सीईओ था यानि
कुल मिलाकर उसकी लाइफ शानदार गुजर रही थी.
चार्ली का दूसरा प्रिस्क्रिप्शन है कि इन्सान दूसरो के
अच्छे-बुरे अनुभवों से नहीं सीखता बल्कि सिर्फ खुद
के एक्सपीरिएंस से सीखता है. चार्ली की जिंदगी का
त” II…
अच्छे-बुरे अनुभवों से नहीं सीखता बल्कि सिर्फ खुद
के एक्सपीरिएंस से सीखता है. चार्ली की जिंदगी का
यही नजरिया रहा है, उन्होंने जो कुछ भी सीखा है,
अपने अनुभवों से सीखा है. वो आपसे ये नहीं पूछेगे
कि X कैसे क्रिएट होता है बल्कि वो पूछेगे कि नॉन X
कैसे क्रिएट होता है. अगर आप अमीर बनना चाहते हैं
तो पहले आपको ये पता करना होगा कि गरीब होने से
कैसे रुका जा सकता है. चार्ली कहते है कि उनके लिए
ये रुल लाइफ के हर एंगल पर अप्लाई होता है.
A Lesson on Elementary, Worldly
Wisdom as It Relates to Investment
Management and Business.
ये स्पीच उन्होंने 14 एप्रिल, 1994 में यूनिवर्सिटी
ऑफ़ साउथ कैलिफ़ोर्निया के मार्शल स्कूल ऑफ़
बिजनेस में डिलीवर की थी.
चार्ली का टॉपिक यहाँ आर्ट ऑफ़ स्टॉक picking
पर था. जी हाँ, चार्ली मानते है कि स्टॉक चूज़
करना अपने आप में एक आर्ट है और वो शुरुवात
करते है ग्रैंडमा के रुल से eat the carrots
before you get the dessert.
यहाँ carrot यानी गाजर बेसिक एजुकेशन है जो हर
किसी के पास होनी चाहिए, इससे पहले कि वो किसी
चीज़ में एक्सपर्ट बनने की सोचे. आपको अपने दिमाग
में ऐसे मॉडल फिट करने होंगे जो आपको गाईड कर
सके कि अलग-अलग सिचुएशन को कैसे हैंडल करे,
और कैसे उन पर रिएक्ट करे. ऐसे मॉडल एक नहीं है
बल्कि कई सारे है. वो इसलिए क्योंकि एक कहावत है,
A .
सफाफ जल-जल सिचुएशन का फल हऽल पर,
और कैसे उन पर रिएक्ट करे, ऐसे मॉडल एक नहीं है
बल्कि कई सारे है. वो इसलिए क्योंकि एक कहावत है,
“to the man with only one hammer,
every problem looks like anail” यानी
जिस आदमी के पास सिर्फ हथौडा होता है उसे हर
प्रॉब्लम कील जैसी लगती है. लेकिन हर प्रॉब्लम कील
जैसी यानि सेम नहीं होती. हर प्रॉब्लम का ईलाज
भी अलग होता है इसलिए यहाँ हमें सिर्फ एक हथौड़ा
रखने से काम नहीं चलेगा. इसी तरह नॉलेज भी एक
ही टाइप की डिसप्लीन से नहीं आएगी. इसीलिए तो
हमें कई सारे मॉडल्स की जरूरत भी पडती है. चार्ली
यहाँ 5w की भी बात करते है जो है- who, what,
where, when और why. वो कहते है कि जब भी
कोई काम करना हो तो पहले इन सब सवालों के जवाब
देने चाहिए . आपको पता होना चाहिए की काम कौन
कर रहा है, काम क्या है, काम कब और कहाँ होगा
और सबसे इम्पोर्टेट,आखिर उस काम को करने का
मकसद क्या है!
मान लो आपने किसी को कोई काम दिया लेकिन
आपने ये नहीं बताया कि काम करने के पीछे मकसद
क्या है, तो बहुत हद तक मुमकिन है कि काम करने
वाला काम को सही तरीके से नहीं करेगा या फिर
गड़बड़ कर देगा. जब किसी काम के पीछे की वजह
बताई जाती है तभी वो उस काम को समझ पाते है और
बैटर ढंग से कर पाते है. जैसे एक्जाम्पल के लिए किसी
को फ्रिज़ से केक निकालकर खाने को कहा जाए तो
वो आधा केक खाकर वापस प्लेट फ्रिज में ही छोड
। सारा सारा
बैटर ढंग से कर पाते है. जैसे एक्जाम्पल के लिए किसी
को फ्रिज़ से केक निकालकर खाने को कहा जाए तो
वो आधा केक खाकर वापस प्लेट फ्रिज़ में ही छोड़
देगा, क्योंकि उसे नहीं पता कि आप उसे केक खाने
को इसलिए कह रहे हो ताकि फ्रिज़ में थोड़ी जगह
खाली हो जाए
इसलिए ये इम्पोर्टेट है कि आप किसी को जब कोई
काम बताएँ तो उसे रीजन भी बताएं इससे उन्हें उस
काम को सही ढंग से पूरा करने में हेल्प मिलेगी..
Talk Three
A Lesson on Elementary, Worldly
Wisdom Revisited
19 एप्रिल, 1996 की अपनी इस स्पीच में चार्ली
स्टैनफोर्ड लॉ स्कूल को एड्रेस कर रहे है.
वो लिटल रेड हेन की स्टोरी सुनाते है, वो ऑडियंस को
पूरी कहानी नहीं सुनाते बल्कि पंचलाइन मेंशन करते
“then I’ll do it myself, said the Little
Red Hen” यानी मुर्गी कहती है कि “तब मैं इसे
अपने आप ही कर लूंगी”. वो इस बात की इम्पोर्टेस पर
फ़ोकस करते है कि हमें प्रोफेसर्स और बाकि लोगों
के सिखाये मॉडल्स पर डिपेंडेंट रहने के बजाए खुद
के जजमेंट पर भरोसा करना चाहिए. असल में चार्ली
सोचते है कि स्कूल और कॉलेज में बच्चो को लिमिटेड
एजुकेशन ही मिल पाती है. उनका मानना है कि
साइंटिस्ट और प्रोफेसर्स को मिलकर ऐसे मॉडल्स बनाने
चाहिए जो लोगों को पूरी लाइफ गाईड कर सके.
लेकिन ये ख़ास सिचुएशन और एक्सपीरियंस के लिए
A A <
अपने आप ही कर लूंगी”. वो इस बात की इम्पोर्टेस पर
फ़ोकस करते है कि हमें प्रोफेसर्स और बाकि लोगों
के सिखाये मॉडल्स पर डिपेंडेंट रहने के बजाए खुद
के जजमेंट पर भरोसा करना चाहिए. असल में चार्ली
सोचते है कि स्कूल और कॉलेज में बच्चो को लिमिटेड
एजुकेशन ही मिल पाती है. उनका मानना है कि
साइंटिस्ट और प्रोफेसर्स को मिलकर ऐसे मॉडल्स बनाने
चाहिए जो लोगों को पूरी लाइफ गाईड कर सके.
लेकिन ये ख़ास सिचुएशन और एक्सपीरियंस के लिए
बिल्ट होने चाहिए.
हमारा गोल बस इतना है कि हम खुद ऐसे मॉडल बनाये
जो हमारी प्रॉब्लम सोल्व कर सके. इन्वेस्टमेंट बिजनेस
की बात करे तो चार्ली मेंशन करते है कि हम ईजिली
ये नोटिस कर सकते है कि कुछ बिज़नस दूसरों से
अच्छे चलते है. लेकिन स्टॉक्स के प्राइस अचानक से
इस कदर ऊपर चढ़ते है कि ये समझ नहीं आता कि
कौन सा स्टॉक बेस्ट है. लेकिन चार्ली अपनी बात रीपीट
करते हुए है कहते है “a good business at a
fair price is much better than a fair
business at a good price”. गुड बिजनेस
लॉन्ग रन में भी अच्छा बिजनेस करते रहेंगे, चाहे उनके
आज के प्राइस उतने अच्छे ना हो. जबकि एक फेयर
बिजनेस बेशक अभी अच्छा प्राइस ऑफर करेगा पर
लॉन्ग रन में भी अच्छा चलेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं
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Talk Four
Practical Thought About Practical
Thought?
इस टॉक में चार्ली एक्सप्लेन करते हुए बताते है कि वो
डिसीजन कैसे लेते है और कैसे अपनी मेंटल मॉडल्स
यूज़ करके प्रॉब्लम को सोल्व करते है. चार्ली उन 5
नोश्न्स के बारे में मेंशन करते है जो उन्हें डिसीजन लेने
में हेल्प करते है. सबसे पहले तो तो बेसिक आसान से
सवालों के जवाब देते हैं जैसे कि आप किसी कंपनी
में इन्वेस्ट करने की सोच रहे हो, तो आप सबसे पहले
बेसिक प्रॉब्लम सोचोगे. अगर बिजनेस दिवालिया हो
गया है तो जाहिर है आप इन्वेस्टमेंट नहीं करोगे.
दूसरा, वो हर चीज़ को मैथमेटिकली तौलते है. अगर
आप दो बिजनेस के एक्जाम्पल लेते हो जो पेपर पर
अच्छे लगते है तो आप मैथमेटिकल रीसर्च से उन्हें
तौलने की कोशिश करोगे.
थर्ड, वो प्रॉब्लम को रीवर्स में सोचते है. वो ये नहीं
सोचते कि उन्हें क्या करना है बल्कि वो ये सोचते हैं कि
उन्हें क्या नहीं करना है, और उस चीज़ को वो अवॉयड
करते है. ये लॉ ऑफ़ इन्वेर्जन है जिसके बारे में पहले
भी बताया जा चुका है. फोर्थ नोशन है कि हम मल्टी
डिसप्लीनरी तरीके से सोचना सीखे. ये कोट हमेशा
याद रखे “to a man with onlva hammer
भी बताया जा चुका है. फोर्थ नोशन है कि हम मल्टी
डिसप्लीनरी तरीके से सोचना सीखे. ये कोट हमेशा
याद रखे “to a man with only a hammer;
every problem looks like a nail” JIA
जिसके हाथ में हथौड़ा है उसे हर प्रॉब्लम कील जैसी
लगती है.
लास्ट नोशन वो बिग इफेक्ट्स है जो कई तरह के
फैक्टर्स के कॉम्बीनेशन से आते है. जो हम यहाँ
समझाना चाहते है, वो ये कि किसी बड़ी प्रॉब्लम के
पीछे कोई छोटा रीजन नहीं हो सकता. अगर कंपनी
बैंकरप्ट होती है तो किसी एक एम्प्लोई की गलती की
वजह से नहीं बल्कि कई सारे फैक्टर्स इसके लिए
जिम्मेदार होंगे, जैसे ख़राब मैनेजमेंट, लो कैपिटल,
हाई रिस्क वगैरह. चार्ली हमारे आगे एक प्रेक्टिकल
प्रॉब्लम रखते है. वो कहते है कि हमें ये इमेजिन
करना चाहिए जैसे कि हम 1884 में एटलांटा में रह रहे
है और एटलांटा में एक आदमी है ग्लोट्ज नाम का जो
काफी अमीर है.
ग्लोट्ज एक ऑर्गेनाईजेशन में दो मिलियन डॉलर
इन्वेस्ट करने का ऑफर देता है, जो एक नॉन
एल्कोहेलिक ड्रिंक कोका-कोला बनाती है. ग्लोट्ज
डिसाइड करता है कि वो सिर्फ हाफ इक्विटी लेगा और
बाकि हाफ उस आदमी को जाएगा जो ये डेमोंस्ट्रेट
करके दिखाएगा कि 150 साल के बाद ये बिजनेस
ट्रिलियन डॉलर का कैसे बनेगा. तो आपके पास 15
मिनट है इस सवाल का जवाब देने के लिए, तो क्या
कहोगे आप?
प्राणपनजारा पात पII II जा44 पास )
मिनट है इस सवाल का जवाब देने के लिए, तो क्या
कहोगे आप?
नो बिग ब्रेनर नोशन यूज़ करते हुए हम इस प्रॉब्लम
को सिम्प्लीफाई कर सकते है. सबसे पहले तो हमें
कोका-कोला को एक लीगली प्रोटेक्टेड ट्रेडमार्क बनाना
होगा, दूसरी चीज़, बेशक हम एटलांटा से शुरुवात कर
रहे है पर हम अपना बिजनेस US और इंटरनेशल
लेवल पर एक्पैंड कर सकते है. हम अनुमान लगा
सकते हैं कि 20 तक दुनिया में लगभग आठ अरब
consumer होंगे।
डिस्ट्रीब्यूशन रेस्टोरेंट में सर्व कर और कंटेनर में
कार्बोनेटेड-लिक्विड प्रोडक्ट के रूप में किया जा
सकता है।
कोको-कोला एक रियल दुनिया का example है जो
मेंटल मॉडल का इस्तेमाल करके प्रॉब्लम को solve
करने में हमारी मदद करता है। आज, कोक का एक
कैन हर अमेरिकी की पहुंच में है।
बीते हुए समय के इन examples को use
करके, हम मॉडल बना सकते हैं और आज हम जिन
problems का सामना कर रहे हैं उन्हें solve कर
सकते हैं। याद रखें, खुद गलतियाँ करने के बजाय,
दूसरे लोगों की गलतियों से सीखना बेहतर होता है।
Talk Five, Talk Six & Talk Seven
The Need for More Multidisciplinary
Skills from Professionals:
Education Implications
Talk Five, Talk Six & Talk Seven
The Need for More Multidisciplinary
Skills from Professionals:
Education Implications
ये स्पीच 1948 के हार्वर्ड लॉ स्कूल के पचासवें
रीयूनियन सेरेमनी में दी गई थी.
चार्ली इस स्पीच की शुरुवात इन 5 सवालों से करते है.
फर्स्ट, वो पूछते है कि क्या प्रोफेशनल्स को
मल्टीडिसप्लीनरी स्किल्स की जरूरत है. चार्ली कहते
है कि अगर इन्सान मल्टीपल डिसप्लीन से ज्यादा
मल्टीपल स्किल्स रखता है तो वो मल्टीपल टूल्स भी
कैरी करेगा. इस चीज़ को पहले भी डिटेल से एक्सप्लेन
किया गया था. सेकंड क्वेश्चन, जो चार्ली पूछते है,
वो ये है कि क्या उन्हें जो एजुकेशन मिली है क्या वो
मल्टीडिसप्लीनरी है? इसका जवाब भी चार्ली खुद
ही देते है” नहीं”. चार्ली कहते है कि जो एजुकेशन
उन्हें मिली थी, काफी स्ट्रिक्ट और लिमिटेड थी. अब
नैचूरली थर्ड क्वेश्चन यही होगा: चार्ली पूछते है कि
मल्टीडिसप्लीनरी एजुकेशन का गोल आखिर क्या है?
चार्ली के पास इस सवाल का भी सटीक जवाब है. वो
कहते है कि हमें बस अपनी एजुकेशन के एसेंशियल
elements को आईडेंटीफाई करना है और उन्हें
improve करना है.
आगे वो पूछते है कि उनके कॉलेज टाइम से लेकर अब
तक एजुकेशन में कितना बदलाव या इम्प्रूवमेंट आया
है. वो कहते है कि हालाँकि कुछ चेंजेस तो जरूर आए
है पर इतना काफी नहीं है. लास्ट में वो पछते है कि
improve करना है.
आगे वो पूछते है कि उनके कॉलेज टाइम से लेकर अब
तक एजुकेशन में कितना बदलाव या इम्प्रूवमेंट आया
है. वो कहते है कि हालाँकि कुछ चेंजेस तो जरूर आए
है पर इतना काफी नहीं है. लास्ट में वो पूछते है कि
किस टाइप की एजुकेशन प्रेक्टिस से इस प्रोग्रेस को
फास्ट किया जा सकता है. वो कहते है कि कुछ कोर्सेज
है जिन्हें मेंडेटरी करने के बजाए ऑप्शनल किया
जाना चाहिए. इसके लिए चार्ली साईंकोलोज़ी मास्टरी
का एक्जाम्पल देते है. उन्हें लगता है कि एकाउंटिंग
सीखना सबके लिए मेंडेटरी होनी चाहिए. वो प्रॉब्लम
सोल्विंग प्रेक्टिस पर जोर देते है और डेमोंस्ट्रेट करने के
लिए एक्जाम्पल भी देते है. वो बताते है एक बार एक
कॉलेज प्रोफेसर ने अपने स्टूडेंट्स से एक सवाल पूछा .
सवाल था कि : मान लो दो बूढी औरतें एक शू-बिजनेस
चलाती है जिसमे उन्हें कई तरह की प्रॉब्लम आ रही है
तो ऐसे में स्टूडेंट्स उनकी हेल्प करने के लिए उन्हें क्या
एडवाइज़ देंगे.
इस सवाल पर सारे स्टूडेंट्स ने अलग-अलग जवाब
दिए, पर एक स्टूडेंट का जवाब लाजवाब था, उसने
कहा: उन औरतों के पास इतनी नॉलेज नहीं है कि
अपनी प्रॉब्लम सोल्व कर सके तो उन्हें किसी एक्सपर्ट
की हेल्प लेनी चाहिए”
तो देखा आपने, विनिंग आंसर किसी बिजनेस टीचिंग
की वजह से नहीं बल्कि फंडामेंटल लर्निंग की वजह
से दिया गया था जोकि हर किसी के पास होनी चाहिए.
POOR CHARLIE’S
ALMANACK
CHARLES T. MUNGER
Talk Seven
Breakfast Meeting of the
Philanthropy Roundtable
चार्ली ने अपनी ये स्पीच फिलाँथ्रोपी राउंडटेबल
पासाडेना में डिलीवर की थी. चार्ली यहाँ इन्वेस्टिंग के
मामले में कोई गलती ना करने की सलाह देते है. वो
अपने लिस्नर्स को बताते है कि बहुत सी फाउंडेशन ये
गलती कर बैठती है कि जिस फाउंडेशन का वो पार्ट
होती है, उसे ही समझ नहीं पाती. चार्ली अपने लिस्नर्स
को ऐसे गबन-घोटालों से वार्न करते है जो नॉर्मली
अनडिसक्लोज्ड रहते है.
जैसे एक्जाम्प्ल के लिए मान लो एक टेलर
किसी शूमेकर को 20 डॉलर में कोट सिलकर बेचती
है यानि इसका मतलब उस शूमेकर के पास 20 डॉलर
कम हो गए क्योंकि उसने कोट खरीदा है पर वही टेलर
को प्रॉफिट हुआ है यानि उसके पास 20 डॉलर ज्यादा
हो गए. लेकिन जब गवर्नमेंट एक जोड़ी जूते लेने के
लिए एक और 20 डॉलर प्रिंट करेगी तब कोई भी खुद
को गरीब महसूस नहीं करेगा तो अब जब शू मेकर
लिए एक और 20 डॉलर प्रिंट करेगी तब कोई भी खुद
को गरीब महसूस नहीं करेगा तो अब जब शू मेकर
कोट खरीदेगा तो ये प्रोसेस इसी तरह चलता रहेगा. इसी
तरह अनडिसक्लोज्ड घपलों का भी सेम इफेक्ट पड़ता
है पैसे गबन करने वाला ज्यादा इसलिए खर्च करता है
क्योंकि उसकी इनकम ज्यादा है. लेकिन एम्प्लोईयर को
पता नहीं चलता कि उसके एसेट्स कहाँ गए, और वो
बगैर सोचे-समझे खर्च करता रहेगा लेकिन चार्ली हमें
इस तरह की प्रेक्टिस अवॉयड करने की सलाह देते है.
Talk Eight – Eleven
The Great Financial Scandal of 2003
साल 2000 की गर्मियों में चार्ली जब वेकेशन पर थे
तब उन्होंने ये अपने हाथो से लिखे थे. इसमें चार्ली ने
एकाउंटिंग प्रोफेशन के रोल पर गहरी नाराजगी जताई
थी. चार्ली एक ऐसी ही कंपनी Quant Tech, के
बारे में डिटेल से बात करते है. इस कंपनी की जब
फाउंडेशन रखी गई थी तो इसकी शुरुवात काफी बढिया
रही थी पर बाद में कंपनी का मैनेजमेंट संभालने वालो
ने उसकी वैल्यू को फॉलो करना छोड़ दिया था.
फाउंडर ने एम्प्लोई कंपनसेशन टोटल रेवेन्यू का
डायरेक्ट 70% रखा था और सारा कंपनसेशन कैश
में पे किया था. उसने अपने एम्प्लोईज़ को कंपनी के
डायरेक्ट 70% रखा था और सारा कंपनसेशन कैश
में पे किया था. उसने अपने एम्प्लोईज़ को कंपनी के
शेयर्स खरीदने के लिए एनकरेज भी किया और उसकी
डेथ के टाइम कंपनी के ऊपर कोई भी कर्जा नहीं
था. लेकिन मार्केट वैल्यू उसकी इंट्रीसिंक वैल्यू से
काफी कम थी. उस वक्त, यही डिसीजन सही था कि
कंपनी के सारे स्टॉक्स खरीद लिए जाते, लेकिन उस
दौरान ही एक नया सीईओ हायर कर लिया गया था.
खराब एकाउंटिंग प्रेक्टिस की वजह से कंपनी की
क्रेडिबीलीटी जाती रही और इस वजह से उसे काफी
नुक्सान झेलना पड़ा और फाईनली कंपनी बैंकरप्ट हो
गई.
यहाँ चार्ली हमें एक बार फिर अलर्ट करते हुए कहते
है कि हमें शेयरहोल्डर्स का एडवांटेज लेने से और इस
तरह अनफेयर एकाउंटिंग प्रेक्टिस से बचना चाहिए वर्ना
अंजाम बुरा हो सकता है.
आगे बात करते हुए चार्ली उन प्रेक्टिस की बात करते
है जिन्हें फॉलो करने की वजह से ही वो सफलता के
इस मुकाम तक पहुंचे और दुनिया के सबसे अमीर
लोगों में अपना नाम शामिल कर पाए. चार्ली कहते है
कि दुनिया में कुछ भी हासिल करने से पहले आपको
उस चीज़ के लायक बनना पड़ेगा. वो कहते है कि ऐसे
अमीर लोग भी है जिन्हें शायद ही कोई पसंद करता
सपा पापा। ना. पारस
अमीर लोग भी है जिन्हें शायद ही कोई पसंद करता
होगा. वो एक फ्यूनरल का किस्सा सुनाते है. एक बार
एक आदमी के मरने के बाद उसकी शोक-सभा राखी
गई थी. वहां मौजूद मिनिस्टर ने लोगों से कहा कि वो
मरने वाली की तारीफ में कुछ अच्छी बाते कहें . लेकिन
कोई भी आगे नहीं आया. फिर बड़ी देर बाद एक
आदमी आया और बोला” “मरने वाले का भाई उससे
भी बुरा है”.
चार्ली कहते है कि हमें ऐसे लोगों की तरह नहीं
बनना है कि लोग मरने के बाद भी हमारी कोई अच्छाई
ना ढूंढ सके. वो इस बात पर फोकस करते है कि हमें
हमेशा भरोसेमंद और नेकदिल इन्सान बनने की
कोशिश करनी चाहिए क्योंकि एक अच्छा इन्सान बनना
अमीर बनने से ज्यादा इम्पोर्टेट है. चार्ली कहते है कि
लाइफ में पैसे से ज्यादा विज़डम अचीव करना जरूरी
है. अमीर होने के लिए वाईज़ मत बनो बल्कि उसे
अपनी moral ड्यूटी समझकर करो.
Conclusion
तो इस समरी ने हमें बर्कशायर हैथवे के वाईस चेयरमैन
चार्ली मंगर और उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में
काफी इन्फोर्मेशन दी . इस billionaire इन्वेस्टर
की लाइफ और पर्सनेलिटी के बारे में आज तक लोगों
को ज्यादा कुछ मालूम नहीं था, पर अब ऐसा नहीं
.
तो इस समरी ने हमें बर्कशायर हैथवे के वाईस चेयरमैन
चार्ली मंगर और उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में
काफी इन्फोर्मेशन दी . इस billionaire इन्वेस्टर
की लाइफ और पर्सनेलिटी के बारे में आज तक लोगों
को ज्यादा कुछ मालूम नहीं था, पर अब ऐसा नहीं
है क्योंकि ये हमें चार्ली मंगर की प्राइवेट और
प्रोफेशनल लाइफ दोनों के बारे में काफी कुछ बताती है
और इन्वेस्टमेंट को लेकर उनके नज़रिए से भी वाकिफ
कराती है. खूबसूरत तस्वीरों से सजी इस बुक में
आपको चार्ली की फेमिली और फ्रेंड्स के इनपुट, और
साथ ही खुद billionaire इन्वेस्टर के ]] टॉक जो
इन्वेस्टिंग से जुड़े कई राज़ खोलते है, वो सब शामिल हैं.
चार्ली बड़े ही मज़ेदार तरीके से अपने लिस्नर्स को एड्रेस
करते है, तभी तो उनके लेक्चर बोरिंग या ऊबाऊ ना
लगकर बड़े मजेदार होते है और सुनने वाले को काफी
कुछ सीखने को मिलता है. बड़े ही हल्के-फुल्के अंदाज़
में चार्ली हमें अपनी स्ट्रेटेज़ी और टेक्नीक्स के बारे में
समझाते है और अलग-अलग फील्ड को लेकर उनका
जो नजरिया है, उन्हें भी हमारे साथ शेयर करते है. तो
बात चाहे इन्वेस्टिंग की हो या एक मीनिंगफुल लाइफ
जीने का तरीका, ये हम चार्ली मंगर से सीख सकते
है!
POOR CHARLIE’S ALMANACK CHARLES T. MUNGER. Books In Hindi Summary
- Post author:armayankyadav
- Post published:January 8, 2022
- Post category:Self Help Books
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