Invisible Selling Machine
Ryan Deiss
इंट्रोडक्शन
इस बात पर सारे मिलिनियर्स एकमत से सहमत होंगे
कि किसी भी इंसान को पैसा कमाने के लिए जो मोस्ट
इम्पोर्टेट स्किल चाहिए, वो है सेलिंग यानी बेचना. अगर
आप अमीर बनना चाहते हो तो आपको आर्ट ऑफ़
सेलिंग का मास्टर बनना ही होगा.
इस समरी में रायन डाइस आपको अपनी एक
सीक्रेट सुपरपॉवर के बारे में बताएँगे जो उन्हें कम एज
में ही मिल गई थी. ये सुपरपॉवर कोई एक्सेप्शनल टेलेंट
नहीं है जो उन्हें पैदाईशी मिली बल्कि ये वो स्किल
उन्होंने जॉब करने के दौरान सीखी यानी अपने काम से
सीखी.
तो आप भी खुश रह सकते है क्योंकि अगर रायन वो
सुपरपॉवर सीख सकते है तो आप क्यों नहीं सीख
सकते.
तो क्या आप रेडी है डिस्कवर करने के लिए वो सीक्रेट
स्ट्रेटेज़ी जो आपको किसी भी वक्त और कहीं पर भी
अमीर बना सकती है?
How To Create Money Out Of Thin Air
क्या आप जानते है कि पैसा कैसे भी कमाया जा सकता
है, चाहे आपके पास कुछ भी ना हो? और कुछ लोगों
ने ये सीक्रेट डिस्कवर कर लिया है इसलिए वो जहाँ
चाहे वहां बिना अपनी एनर्जी या टाइम खर्च किये पैसा
न य साक्रट डस्कवर कर लिया ह इसालए वा जहा
चाहे वहां बिना अपनी एनर्जी या टाइम खर्च किये पैसा
कमा रहे है. तो इस चैप्टर में हम आपको वो स्किल
सिखाने वाले है जो पैसे, लाइफ और अपनी एबिलिटीज़
को लेकर आपकी सोच ही बदलकर रख देगी.
मान लो आपने कोई मशीन बनाई जिससे आप जरूरत
पड़ने पर जब चाहे तब कैश निकाल सकते. काश अगर
ऐसा होता तो कितना मजा आता !
लेकिन ये सपना सच हो सकता है. आप भी इस मनी
मेकिंग मशीन का यूज़ कर सकते है जिसे ई-मेल
मार्केटिंग कहा जाता है.
रायन डाइस जो इस बुक के ऑथर है , हमे बताते
है कि कैसे उन्हें ये पता चला कि उनके पास एक
सीक्रेट सुपरपॉवर है जो उन्होंने खुद का बिजनेस स्टार्ट
किया था. इस यूनीक स्किल की मदद से रायन को
एक्सेप्शनल सक्सेस मिली.
2006 आते ही रायन ने सोच लिया था कि वो इस
साल अपने लिए कोई रेजोल्यूशन सेट करेंगे. उन्होंने ये
डिसाइड किया कि इस साल वो हर फ्राइडे ऑफ लेकर
गॉल्फ़ खेलने जाया करेंगे जो उनका मनपसंद गेम था.
लेकिन एक ही प्रॉब्लम थी, वो ये कि रायन के पास
ऐसा कोई फ्रेंड नहीं था जो उनके साथ गॉल्फ़ खेल
सके. रायन का एक ही दोस्त था जो फ्राइडे को फ्री
रहता था लेकिन उसको गॉल्फ़ का कोई शौक नहीं
था तो उसने रायन को मना कर दिया.
रायन के बार-बार इंसिस्ट करने पर उनके फ्रेंड ने उन्हें
थालिगाट नगा ठी टायगालगते शाम दोगे
रायन के बार-बार इंसिस्ट करने पर उनके फ्रेंड ने उन्हें
असलियत बता दी. दरअसल उसके पास इतने पैसे
नहीं थे कि गॉल्फ़ सेट खरीद सके इसलिए वो रायन
को गॉल्फ़ खेलने के लिए मना कर रहा था.
इस पर रायन ने अपने फ्रेंड को ऑफर किया कि वो
उसे गॉल्फ़ का नया सेट खरीद के देंगे पर उनके फ्रेंड
इतना सेल्फ-रिस्पेक्टेड था कि उसने रायन का ऑफर
ठुकरा दिया, रायन उसे बार-बार मनाने की कोशिश
करते रहे पर वो मानने को तैयार ही नहीं था.
तो रायन ने अपने फ्रेंड के साथ एक डील की.
उन्होंने अपने दोस्त से कहा कि वो कंप्यूटर पर एक
ई-मेल टाइप करके अपनी ई-मेल लिस्ट के जितने भी
कॉन्टेक्ट्स है सबको सेंड कर देंगे और गॉल्फ़ सेट के
लिए फंड रेज़ करेंगे. रायन ने खुद को एक घंटे का
टाइम दिया जिसमे उन्हें अपना टारगेट पूरा करना था.
दोनों दोस्त इस बात पर एग्री हो गए कि अगर रायन ने
एक घंटे में गॉल्फ़ सेट खरीदने लायक पैसा कमा लिया
तो दोनों एक नया गॉल्फ़ सेट खरीदेंगे और फिर उनके
दोस्त को उनकी बात माननी ही पड़ेगी.
रायन कंप्यूटर पर ई-मेल लिखने बैठे. उन्होंने अपनी
ई-मेल लिस्ट चेक की, एक खास सेक्शन को टारगेट
करते हुए अपने एक प्रोडक्ट की फ़्लैश सेल के बारे
में मेल लिखी और सबको सेंड कर दी. अभी कुछ ही
मिनट हुए थे कि रायन ने $17 कमा लिए, फिर कुछ
और मिनट बाद ही उनकी सेल $204 हो गई और फिर
पन्दरह मिनट के अंदर ही रायन ने $663 की कमाई
कर ली.
A <
A <
एक घंटे में गॉल्फ़ सेट खरीदने लायक पैसा कमा लिया
तो दोनों एक नया गॉल्फ़ सेट खरीदेंगे और फिर उनके
दोस्त को उनकी बात माननी ही पड़ेगी.
रायन कंप्यूटर पर ई-मेल लिखने बैठे. उन्होंने अपनी
ई-मेल लिस्ट चेक की, एक खास सेक्शन को टारगेट
करते हुए अपने एक प्रोडक्ट की फ़्लैश सेल के बारे
में मेल लिखी और सबको सेंड कर दी. अभी कुछ ही
मिनट हुए थे कि रायन ने $77 कमा लिए, फिर कुछ
और मिनट बाद ही उनकी सेल $204 हो गई और फिर
पन्दरह मिनट के अंदर ही रायन ने $663 की कमाई
कर ली.
रायन और उनके दोस्त दोनों जानते थे कि उनके
इतना पैसा आ चूका है कि वो आराम से गॉल्फ़ सेट
खरीद सकते है. और इस तरह रायन वो शर्त जीत गए
और उनके फ्रेंड को उनके साथ गॉल्फ़ खेलने जाना ही
पड़ा.
ये पहली बार था जब रायन को इस इन्विज़िबल
सेलिंग मशीन की पॉवर का अंदाजा हुआ.
तो अगर आप भी रायन जैसे बनना चाहते हो तो
आपको भी ई-मेल मार्केटिंग के बारे में सब कुछ सीखना
होगा. आगे के चैप्टर्स में हम इस बारे में आपको और
information देंगे और जब आप इस समरी पूरी
पढ़ लेंगे तो आपको एहसास होगा जैसे आपका नया
जन्म हुआ है.
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Ryan Deiss
One Problem, Two Mistakes, And One
Big, Flat LIE About Email Marketing
इससे पहले के चैप्टर में आपने पॉवर ऑफ़ ई-मेल
मार्केटिंग का एक एक्जाम्पल देखा. आप शायद ये
सोचकर अपनी एबिलिटी पर शक कर रहे होंगे कि
रायन की तरह ढेर सारा पैसा कमाने के लिए आपको
पैसा या एक्स्ट्राऑर्डिनरी स्किल्स चाहिए. लेकिन
आपको ये पता होना चाहिए कि ई-मेल मार्केटिंग एक
ऐसी स्किल है जो हर कोई सीख सकता है..
लेकिन ई-मेल मार्केटिंग के साथ प्रॉब्लम ये है कि एक
एवरेज इंटरनेट यूजर के मेल बॉक्स में डेली दुनिया भर
की मेल्स आती है. ऐसे में कॉम्पटीशन काफी तगड़ा हो
जाता है, भीड़ में अलग नजर आना मुश्किल तो है पर
इम्पॉसिबल नहीं. तो एक बार अगर आपको आईडिया
लग गया कि किस टाइप की ई-मेल्स सेल करती है तो
फिर आप अपना प्रोसेस ऑटोमेट कर सकते हो, फिर
तो आप सोते-सोते भी पैसा कमा रहे होगे.
ई-मेल मार्केटिंग को लेकर एक और गलतफहमी है कि
आपके पास सब्सक्राइबर्स की एक लंबी लिस्ट होनी
चाहिए तभी आपकी कमाई होगी. हालाँकि ये बात कुछ
हद तक सच है कि कॉन्टेक्ट जितने ज्यादा होंगे अर्निंग
भी उतनी ज्यादा होगी पर हमेशा ऐसा नहीं होता. कई
बार ऐसे भी लोग होते है जिनकी ई-मेल लिस्ट काफी
A.
भा उतना ज्यादा हागा पर हमशा एसा नहा हाता. कई
बार ऐसे भी लोग होते है जिनकी ई-मेल लिस्ट काफी
बड़ी होने के बावजूद वो काफी कम पैसे कमा रहे होते
है जबकि कुछ लोग गिने-चुने सब्सक्राइबर होने पर भी
अच्छी-खासी कमाई कर लेते है.
इसमें सीक्रेट है वो प्रोसेस जो आप फॉलो करते हो.
अगर आप स्मार्ट मार्केटिंग स्ट्रेटेज़ी यूज़ करते हो तो
आप ढेर सारे पैसे कमा सकते हो फिर चाहे आपकी
ई-मेल लिस्ट कितनी भी छोटी क्यों ना हो. लेकिन ध्यान
रहे आपको रेंडमली किसी को भी ई-मेल नहीं भेजनी
है बल्कि आपकी ई-मेल लिस्ट के हर सेक्शन की खुद
की ई-मेल सीरीज होनी चाहिए. कुछ सब्सक्राइबर्स
आपके बिजनेस के लिए नए हो सकते है इसलिए
आपको उन्हें वेलकम करते हुए अलग से मेल भेजनी
होगी.
ऐसी कई गलतियाँ है जो अक्सर मार्केटिंग टीम कर
बैठती है जैसे एक्जाम्पल के लिए कुछ मार्केटर्स फॉलो
-अप शेड्यूल नहीं रखते, वो जब चाहे तब अपने
हिसाब से मेल भेज देते है. एक ई-मेल मार्केटर के तौर
पर ये गलत है क्योंकि आपको ये पता होना चाहिए कि
कितनी ई-मेल्स भेजनी है और कब भेजनी है.
एक और एक्जाम्पल है जो अक्सर ई-मेल मार्केटर्स
करते है, वो ये कि उनके पास एक ई-मेल कैंपेन होता है
जिसे वो सबसे शेयर करते है. मान लो आप कोई ब्लॉग
चलाते हो और आप कोई प्रोडक्ट सेल कर रहे हो. तो
न्यूकमर्स को पहले आपका इंट्रोडक्शन मिलना चाहिए,
उन्हें ये पता होना चाहिए कि आप कौन है, आपका
निमा और TET लॉनिता नाले में है नन
जिसे वो सबसे शेयर करते है. मान लो आप कोई ब्लॉग
चलाते हो और आप कोई प्रोडक्ट सेल कर रहे हो. तो
न्यूकमर्स को पहले आपका इंट्रोडक्शन मिलना चाहिए,
उन्हें ये पता होना चाहिए कि आप कौन है, आपका
मिशन क्या है और आपका ब्लॉग किस बारे में है. जब
तक यूजर आपको जानता ना हो, आप प्रोडक्ट सेल
करने के उन्हें डायरेक्ट यूं ही मेल नहीं कर सकते.
अगर आप ऐसा करते है तो इस बात के पूरे चांसेस
है कि आपकी मेल सीधे स्पैम फोल्डर में जायेगी,
हो सकता है कि यूजर आपको अपनी लिस्ट से
अनसब्सक्राइब भी कर दे.
अब ज़रा सोचिये, आपके कई सारे लोयल फैन्स है जो
आपको सिरीयसली फॉलो करते है. पर क्या आपको
नहीं लगता कि आपके ये स्पेशल सब्सक्राइबर्स कुछ
स्पेशल ट्रीटमेंट डीज़र्व करते है ? आपको इन्हें और
ज्यादा अटेंशन देनी चाहिए और हो सके तो इन्हें रीवार्ड
के तौर पर कुछ स्पेशल ऑफर भी दो.
यहाँ हम आपको ये समझाना चाहते है कि हर
सब्सक्राइबर सेम नहीं होता. आपको अपनी ई-मेल
लिस्ट को सेक्शन्स में डिवाइड करना होगा और हर
एक सेक्शन को डिफरेंट तरीके से ट्रीट करना होगा.
इसलिए स्मार्ट बनिए और ऊपर जो मिस्टेक्स हमने
बताई है, उन्हें अवॉयड करना सीखिए फिर देखिये
आपको कैसे ज्यादा पैसे कमाने के मौके मिलते है.
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Ryan Deiss
The 5 Phases of Invisible Selling
Phase 1 – Indoctrination
मान लो कोई नया सब्सक्राइबर आपके ब्लॉग या
वेबसाईट में आया. तो आप उसे अपना फ्रेंड बनाना
चाहोगे या चाहोगे कि वो ऐसे ही चला जाये और फिर
दोबारा ना आये? मर्जी आपकी है, और ये उन ई-मेल्स
पर भी डिपेंड करता है जो आप उसे भेजोगे जो आप
उसे अपने न्यूज़लैटर्स सब्सक्राइब करने के बाद भेजना
शुरू करोगे.
आपको हर नई लीड को काफी केयरफूली ट्रीट करना
होगा. इस स्टेज पर आपको पहले खुद का इंट्रोडक्शन
देना है, अपने नए सब्सक्राइबर को ये बताना पड़ेगा कि
आप किस तरह की सर्विस ऑफर कर रहे हो और
उसे अपनी सर्विस के फायदे बताकर कन्विंस करना
होगा कि इसे आपकी सर्विस लेने से क्या-क्या फायदे
होंगे और फिर उसके अंदर और ज्यादा जानने की
क्यूरीयोसिटी पैदा कर दे.
अपना इंट्रोडक्टरी ई-मेल लिखते वक्त नए सब्सक्राइबर
को ऐसा फील होना चाहिए कि वो किसी इंसान से
बाते कर रहा हो नाकि किसी रोबोट से. इसलिए अपनी
कंपनी का नाम बताने के बजाए अपना रियल नेम यूज़
करो. फिर अपनी सर्विसेस के फायदों की एक लिस्ट
बनाओ.
A A <
करो. फिर अपनी सर्विसेस के फायदों की एक लिस्ट
बनाओ.
अपने नए सब्सक्राइबर की क्यूरियोसिटी जगाने का एक
एक्जाम्पल होगा, उसे एक स्पेशल ऑफर प्रोमिस करे
जिसे रिसीव करने के लिए वो एक्साईटेड हो जाए.
जैसे कि आप उसे अपने बेस्ट ब्लॉग पोस्ट, बेस्ट टूल्स
या बेस्ट सर्विसेस की एक लिस्ट शेयर कर सकते हो जो
आप ऑफर कर रहे है.
या फिर आप उसकी क्यूरियोसिटी बढाने के लिए उससे
एक सवाल पूछ सकते है फिर उसे प्रोमिस करे कि
नेक्स्ट ई-मेल में आप उसको एक शॉकिंग आंसर देंगे.
ये दोनों एक्जाम्पल्स एक ग्रेट स्ट्रेटेज़ी है जो आपके
सब्सक्राइबर को आपके अगले ई-मेल्स का वेट करने
के लिए मजबूर कर देगी. और जब उन्हें आपका वेट
रहेगा तो वो आपको अटेंशन देंगे और आपकी ई-मेल
उन सैकड़ो ई-मेल्स में अलग जगह पा लेगी जो वो रोज़
रिसीव करते है.
याद रहे कि आपका गोल है कि आपको स्पैम फोल्डर
में कभी नहीं जाना है और ना ही आपकी ई-मेल
डिलीट होनी चाहिए. आपको अपने नए सब्सक्राइबर्स
को अपनी सर्विसेज़ से और ज्यादा attracted और
क्यूरियस रखना है. इस पॉइंट पर आकर अगर उनका
इंटरेस्ट खत्म हो गया तो ये समझ लो कि आप उन्हें
फिर कभी फ्यूचर में अपने प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए
कन्विंस नहीं कर पाओगे.
इसलिए कोशिश करो कि आपकी नई लीड्स में कुछ
एक्श्न्स हो यानी वो कोई ना कोई एक्शन लेने के
कान्वस नहा करपाआग.
इसलिए कोशिश करो कि आपकी नई लीड्स में कुछ
एक्श्न्स हो यानी वो कोई ना कोई एक्शन लेने के
लिए मजबूर हो जाए जैसे कि आप उन्हें अपने सोशल
मिडिया अकाउंट को फॉलो करने के लिए बोल सकते
हो. और जब वो आपको फॉलो करने लगेंगे तो आप
उनकी फ्रेंड लिस्ट में आ जाओगे और इस तरह आप
उन्हें याद भी रहेंगे और उन्हें आपके बारे में जानने का
मौका भी मिल जायेगा ताकि अगली बार जब आप
ई-मेल भेजे तो वो आपको तुरंत पहचान जाए.
Phase 2 – Engagement
इससे पहले के स्टेप में आपने सीखा कि खुद को और
अपने प्रोडक्ट्स या सर्विस को नए सब्सक्राइबर्स से कैसे
इंट्रोड्यूस किया जाए. ई-मेल मार्केटिंग का सेकंड फेज़
है बेचने की शुरुवात.
इस फेज में आपको खासतौर पर केयरफुल रहना है.
इससे पहले कि आपके सब्सक्राइबर्स रेडी हो, आप
अपने प्रोडक्ट्स बेचने शुरू करते है तो उन्हें शायद ये
लगेगा कि आप उन्हें स्पैम कर रहे हो. ऐसी सिचुएशन
ना हो ये इसके लिए जो वो जानना चाहते है, उसके बारे
में उन्हें और डिटेल देते हुए धीरे-धीरे अपने प्रोडक्ट या
सर्विस की जानकारी दे.
हर सब्सक्राइबर आपकी लिस्ट में सेम पर्पज से आये,
ऐसा जरूरी नहीं है. ये उस लीड मेग्नेट पर डिपेंड
करता है जो उन्होंने साईंन-अप किया है, आप इन्हें
डिफरेंट सेक्शन में डिवाइड कर सकते हो. और हर
सेक्शन एक डिफरेंट प्रोडक्ट में इंट्रेस्टेड होना चाहिए
और इस तरह उन्हें एक डिफरेंट ई-मेल लिस्ट मिलनी
.
डफरट सक्शन माडवाइड कर सकत हा. आर हर
सेक्शन एक डिफरेंट प्रोडक्ट में इंट्रेस्टेड होना चाहिए
और इस तरह उन्हें एक डिफरेंट ई-मेल लिस्ट मिलनी
चाहिए.
अगर आपको लीड मेग्नेट के बारे में नहीं पता तो
हम बताते है, ये एक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी है जो आपके
नए लीड की ई-मेल के एक्सचेंज में आपको फ्री कंटेंट
ऑफर करती है. ये कोई केस स्टडी हो सकती है, एक
रिपोर्ट या फिर एक वर्कशीट या किसी और तरह का
फ्री डाउनलोडेड कंटेंट.
जैसे एक्ज्मप्ल के लिए आपके पास गार्डनिंग का एक
ब्लॉग है और आप अपने नए लीड का ध्यान खीचने के
लिए उसे एक फ्री शीट ऑफर करते हो जिसमे गार्डन
को ब्यूटीफुल बनाने के टिप्स दिए गए हो.
इस स्टेज पर आकर आप जितना हो सके उतना
स्पेसिफिक रहने की कोशिश करो. आपकी लीड मेग्नेट
के टाईटल से पता चलना चाहिए कि सब्सक्राइबर को
किस टाइप का कंटेंट मिलेगा और आपके न्यूज़लैटर
को साईंन-अप करके उसे किस तरह की जानकारी
मिलेगी.
तो इसलिए “”the best tips for growing a
garden” या “how to make a beautiful
garden,” यानी “गार्डन बनाने के बेहतरीन टिप्स
या एक सुंदर बगीचा कैसे बनाया जाए,” कहने के
बजाए आपको कुछ इस तरह बोलना चाहिए “how
to build a garden that can feed 6
members of your family without
needing too much space” UGA “Uch
A <
in ‘ एमा।|| DS
LIVYV
to build a garden that can feed 6
members of your family without
needing too much space” यानी “एक
बगीचा कैसे बनाया जाए जो आपके परिवार के 6
सदस्यों को बिना ज्यादा जगह की जरूरत के खिला
सके.”
तो देखा आपने ये टाईटल कितना स्पेशिफिक लगता
है? सिर्फ टाईटल पढ़कर ही आपके वेबसाईट विजिटर्स
समझ जायेंगे कि इस तरह के कंटेंट से उसे एक बढिया
गार्डन बनाने के टिप्स और ट्रिक्स पढने को मिलेंगे. और
ऐसा गार्डन जिसमे इतनी वेजिटेबल्स और फ्रूट्स उगाई
जा सके जो 6 लोगों के लिए काफी हो, और साथ ही
इसे ज्यादा स्पेस की जरूरत भी ना पड़े.
अब अगर आपके विजिटर के पास गार्डनिंग के लिए
कम स्पेस है और उसकी फेमिली में 6 मेंबर्स है तो
6
आपका ये कंटेंट पढकर वो साईंन-अप करने के लिए
एक्साईटेड हो जायेगा ताकि उसे इस बारे में और ज्यादा
जानकारी और टिप्स मिल सके. जब आप इस तरह
स्पेसिफिक कंटेंट शेयर करोगे तो आपके सब्सक्राइबर्स
को लगेगा कि आप उनकी नीड्स समझते हो और वो
आपके ऊपर और ज्यादा ट्रस्ट करने लगते है.
आपकी लीड मेग्नेट जितनी स्पेसिफिक होगी उतना ही
डीपली आप अपने सब्सक्राइबर्स को समझ पाएंगे. फिर
अपने सब्सक्राइबर्स की नीड्स के हिसाब से आप उन्हें
ऐसे प्रोडक्ट्स ऑफर करो जो वो इग्नोर ना कर सके.
आपके प्रोडक्ट की प्राइस के हिसाब से आपकी ई-मेल
लिस्ट की इस स्टेज पर आकर डिसाइड हो जानी
समझ जायेंगे कि इस तरह के कंटेंट से उसे एक बढिया
गार्डन बनाने के टिप्स और ट्रिक्स पढने को मिलेंगे. और
ऐसा गार्डन जिसमे इतनी वेजिटेबल्स और फ्रूट्स उगाई
जा सके जो 6 लोगों के लिए काफी हो, और साथ ही
इसे ज्यादा स्पेस की जरूरत भी ना पड़े.
अब अगर आपके विजिटर के पास गार्डनिंग के लिए
कम स्पेस है और उसकी फेमिली में 6 मेंबर्स है तो
आपका ये कंटेंट पढकर वो साईन- न-अप करने के लिए
एक्साईटेड हो जायेगा ताकि उसे इस बारे में और ज्यादा
जानकारी और टिप्स मिल सके. जब आप इस तरह
स्पेसिफिक कंटेंट शेयर करोगे तो आपके सब्सक्राइबर्स
को लगेगा कि आप उनकी नीड्स समझते हो और वो
आपके ऊपर और ज्यादा ट्रस्ट करने लगते है.
आपकी लीड मेग्नेट जितनी स्पेसिफिक होगी उतना ही
डीपली आप अपने सब्सक्राइबर्स को समझ पाएंगे. फिर
अपने सब्सक्राइबर्स की नीड्स के हिसाब से आप उन्हें
ऐसे प्रोडक्ट्स ऑफर करो जो वो इग्नोर ना कर सके.
आपके प्रोडक्ट की प्राइस के हिसाब से आपकी ई-मेल
लिस्ट की इस स्टेज पर आकर डिसाइड हो जानी
चाहिए. अगर आपके प्रोडक्ट का प्राइस कम है तो 2
से 3 ई-मेल सेल क्लोज करने के लिए काफी रहेंगी.
प्रोडक्ट जितना ही महंगा होगा उतना ही ज्यादा टाइम
आपको सब्सक्राइबर्स के साथ एंगेज रहना होगा इससे
पहले कि आप उन्हें सेल ऑफर करे.
to build a garden that can feed 6
members of your family without
needing too much space” यानी “एक
बगीचा कैसे बनाया जाए जो आपके परिवार के 6
सदस्यों को बिना ज्यादा जगह की जरूरत के खिला
सके.”
तो देखा आपने ये टाईटल कितना स्पेशिफिक लगता
है? सिर्फ टाईटल पढ़कर ही आपके वेबसाईट विजिटर्स
समझ जायेंगे कि इस तरह के कंटेंट से उसे एक बढिया
गार्डन बनाने के टिप्स और ट्रिक्स पढने को मिलेंगे. और
ऐसा गार्डन जिसमे इतनी वेजिटेबल्स और फ्रूट्स उगाई
जा सके जो 6 लोगों के लिए काफी हो, और साथ ही
इसे ज्यादा स्पेस की जरूरत भी ना पड़े.
अब अगर आपके विजिटर के पास गार्डनिंग के लिए
कम स्पेस है और उसकी फेमिली में 6 मेंबर्स है तो
6
आपका ये कंटेंट पढकर वो साईंन-अप करने के लिए
एक्साईटेड हो जायेगा ताकि उसे इस बारे में और ज्यादा
जानकारी और टिप्स मिल सके. जब आप इस तरह
स्पेसिफिक कंटेंट शेयर करोगे तो आपके सब्सक्राइबर्स
को लगेगा कि आप उनकी नीड्स समझते हो और वो
आपके ऊपर और ज्यादा ट्रस्ट करने लगते है.
आपकी लीड मेग्नेट जितनी स्पेसिफिक होगी उतना ही
डीपली आप अपने सब्सक्राइबर्स को समझ पाएंगे. फिर
अपने सब्सक्राइबर्स की नीड्स के हिसाब से आप उन्हें
ऐसे प्रोडक्ट्स ऑफर करो जो वो इग्नोर ना कर सके.
आपके प्रोडक्ट की प्राइस के हिसाब से आपकी ई-मेल
लिस्ट की इस स्टेज पर आकर डिसाइड हो जानी
,
समझ जायेंगे कि इस तरह के कंटेंट से उसे एक बढिया
गार्डन बनाने के टिप्स और ट्रिक्स पढने को मिलेंगे. और
ऐसा गार्डन जिसमे इतनी वेजिटेबल्स और फ्रूट्स उगाई
जा सके जो 6 लोगों के लिए काफी हो, और साथ ही
इसे ज्यादा स्पेस की जरूरत भी ना पड़े.
अब अगर आपके विजिटर के पास गार्डनिंग के लिए
कम स्पेस है और उसकी फेमिली में 6 मेंबर्स है तो
आपका ये कंटेंट पढकर वो साईन- न-अप करने के लिए
एक्साईटेड हो जायेगा ताकि उसे इस बारे में और ज्यादा
जानकारी और टिप्स मिल सके. जब आप इस तरह
स्पेसिफिक कंटेंट शेयर करोगे तो आपके सब्सक्राइबर्स
को लगेगा कि आप उनकी नीड्स समझते हो और वो
आपके ऊपर और ज्यादा ट्रस्ट करने लगते है.
आपकी लीड मेग्नेट जितनी स्पेसिफिक होगी उतना ही
डीपली आप अपने सब्सक्राइबर्स को समझ पाएंगे. फिर
अपने सब्सक्राइबर्स की नीड्स के हिसाब से आप उन्हें
ऐसे प्रोडक्ट्स ऑफर करो जो वो इग्नोर ना कर सके.
आपके प्रोडक्ट की प्राइस के हिसाब से आपकी ई-मेल
लिस्ट की इस स्टेज पर आकर डिसाइड हो जानी
चाहिए. अगर आपके प्रोडक्ट का प्राइस कम है तो 2
से 3 ई-मेल सेल क्लोज करने के लिए काफी रहेंगी.
प्रोडक्ट जितना ही महंगा होगा उतना ही ज्यादा टाइम
आपको सब्सक्राइबर्स के साथ एंगेज रहना होगा इससे
पहले कि आप उन्हें सेल ऑफर करे.
Invisible Selling Machine
Ryan Deiss
–
Phase 3 – Ascension
अब जबकि अपने नए कस्टमर के साथ आपकी
फर्स्ट डील फाइनल हो गई है तो अब असली गेम
खेलने का टाइम आ गया है. अगर आप वाकई में पैसे
कमाना चाहते हो तो आपको वन-टाइम बायर से ही
सेटिसफाईड नहीं
ना चाहिए.
आपका गोल हमेशा अपने कस्टमर्स को ज्यादा से
ज्यादा प्रोडक्ट्स बेचना है. अब क्योंकि जॉब का सबसे
मुश्किल पार्ट तो आप क्रोस कर ही चुके हो और एक
बार आपने सब्सक्राइबर को कुछ खरीदने के लिए
कन्विंस कर लिया तो ये समझ लो आप आराम से उसे
अगली बार भी प्रोडक्ट बेच सकते हो.
दुनिया में दो टाइप के मार्केटर्स होते है, इनमे से पहले
टाइप के वो होते है जिन्हें हम ब्रोक कहते है. एक बार
इन्होने सेल कर ली तो फिर ये दोबारा उस कस्टमर
से एंगेज नहीं होते और दूसरे टाइप के होते है रिच
मार्केटर. ये वो होते है जो अपनी हर सेल में एक नई
अपो→निटी देखते है. ये लोग कभी सेटिसफाई नहीं
होते और सेम कस्टमर को बार-बार प्रोडक्ट्स बेचने की
काबिलियत रखते है.
इस स्ट्रेटेज़ी को हम वैल्यू लूप कहते है. ये बात ध्यान में
रखना कि हर सेल जो आपने की है वो आपको आगे
भी और सेल्स दिला सकती है. इसलिए अपने कस्टमर्स
के साथ हमेशा ही एंगेज रहो
A <
रखना कि हर सेल जो आपने की है वो आपको आगे
भी और सेल्स दिला सकती है. इसलिए अपने कस्टमर्स
के साथ हमेशा ही एंगेज रहो.
अपने प्रोडक्ट्स की तरफ उन्हें अट्रेक्ट करने के लिए
उन्हें ऐसे वैल्यूएबल कंटेंट दो जो वो मिस ना करना
चाहे. उन्हें कन्विंस करने की कोशिश करो कि आपके
प्रोडक्ट उनकी लाइफस्टाइल को एन्हांस कर सकते
है या आप उनके अंदर स्कारसिटी का डर पैदा कर
सकते हो, यानी उन्हें यकीन दिलाओ कि अगर उन्होंने
ये ऑफर मिस कर दिया तो दोबारा मौका नहीं
मिलेगा.
इस लास्ट स्ट्रेटेजी यानी डर का एक एक्जाम्पल लेते है.
मान लो आप अपने ब्लॉग पर कोई कोर्स ऑफर कर रहे
हो. अब कई सारे कस्टमर्स ने आपकी ई-बुक खरीद ली
जो शायद आपके कोर्स में इंटरेस्ट रखते हो.
अगर आप उन्हें अपना कोर्स बेचने की कोशिश करते
हो लेकिन उन्हें ये कोर्स क्यों करना चाहिए इसका
रीजन नहीं दे पा रहे, तो आप उनके डर के साथ खेल
सकते हो. उन्हें बताओ कि इस कोर्स में लिमिटेड सीट्स
अवलेबल है और अगर उन्होंने आज ही बुकिंग नहीं
की तो वो ये चांस मिस कर देंगे.
जैसे एक्जाम्पल के लिए आपकी ई-मेल में कुछ ऐसा
टाईटल होना चाहिए “Grab your last chance”
या कुछ ऐसा “The deal ends tonight” या
“Don’t miss out.”
अपने ई-मेल के कंटेंट में आपको शुरुवात डायरेक्ट ये
बताने से करनी चाहिए कि अगर सब्सक्राइबर अभी
“Don’t miss out.”
अपने ई-मेल के कंटेंट में आपको शुरुवात डायरेक्ट ये
बताने से करनी चाहिए कि अगर सब्सक्राइबर अभी
आपका प्रोडक्ट नहीं लेगा तो वो डेडलाइन मिस कर
देगा.और अगर उसने डेडलाइन मिस कर दी तो उसे वो
सारे बेनेफिट्स भी नहीं मिलेंगे जो उस ई-मेल में मेंशन
किए गए है.
या फिर आप अपने सब्सक्राइबर्स को बता सकते हो कि
आप सिर्फ आज के लिए स्पेशल प्राइस ऑफर कर रहे
हो. अगर वो मिडनाईट से पहले-पहले ये इस कोर्स के
लिए रजिस्टर नहीं करेगा तो उसे इस स्पेशल प्राइस में
दोबारा ये मौका नहीं मिलेगा.
अपने ई-मेल के एंड में आपको अपने प्रोडक्ट्स के
बेनेफिट्स एक बार फिर से बताते हुए और ये भी मेंशन
करते हुए कि कैसे वो कस्टमर की लाइफ चेंज कर
सकते है, अपनी सेल पिच क्लोज करनी है/
इन सारी स्ट्रेटेज़ीज़ को फॉलो करके आप कस्टमर्स
को अपनी कंपनी के एक से ज्यादा प्रोडक्ट्स खरीदने
के लिए कन्विंस कर पाओगे.
याद रहे कि आपकी एक रिच मार्केटर की तरह
सोचना है. हमेशा अपने कस्टमर्स को ज्यादा से ज्यादा
प्रोडक्ट्स बेचने की कोशिश करो, और फिर देखो
इन्विज़िबल सेलिंग मशीन की पॉवर कैसे आपके लिए
मैजिक की तरह काम करती है.
Phase 4 – Segmentation
इससे पहले के चोटर्स में आपने सीखा कि ये जानना
Phase 4 – Segmentation
इससे पहले के चैप्टर्स में आपने सीखा कि ये जानना
बेहद इम्पोर्टेट है कि अपने हर सब्सक्राइबर को किस
तरह की ई-मेल लिस्ट भेजनी चाहिए. लेकिन आपको ये
कैसे पता चलेगा कि कौन सा प्रोडक्ट किस कस्टमर को
बेचना है?
तो इसका जवाब छुपा है एक ई-मेल मार्केटिंग स्ट्रेटेज़ी
यूज़ करने में जिसे हम सेगमेंटेशन कहते है.
अगर आप एक इफेक्टिव ई-मेल लिस्ट बनाना
चाहते हो तो आपको हायर एंगेजमेंट और लोअर
अन-सब्सक्रिप्शन परसेंटेज का गोल रखना होगा.
आपको कोई सब्सक्राइबर आपकी ई-मेल रिसीव
करने के बाद भी अगर उसे खोलकर नहीं देखता तो
इससे अच्छा है कि वो आपको अन-सब्सक्राइब ही कर
दे. अगर कई सारे सब्सक्राइबर्स आपकी ई-मेल्स इग्नोर
करते रहे तो आपकी ओपनिंग रेट कम होती चली
जायेगी और ये आपके मार्केटिंग कैंपेन की इफेक्टिवनेस
के लिए ठीक नहीं होगा.
अपनी ई-मेल लिस्ट को डिफरेंट सेक्शन में डिवाइड
करने के बाद अब बारी आती है ई-मेल भेजने की तो
इसके लिए दो स्ट्रेटेज़ी यूज़ कर सकते हो. पहला तो ये
कि आप auto responders पर डिपेंड कर सकते
हो. ये ई-मेल्स की एक लिस्ट होती है जो आप अपने
सब्सक्राइबर्स के एक सेक्शन को तब भेजते हो जब वो
लीड मेग्नेट के लिए साईंन-अप करते है.
दसरे टाइप की ई-मेल है ब्रॉडकास्ट ये वो ई-मेल
A <
सब्सक्राइबस क एक सक्शन का तब भजत हा जब वा
लीड मेग्नेट के लिए साईंन-अप करते है.
दूसरे टाइप की ई-मेल है ब्रॉडकास्ट ये वो ई-मेल
होती है जो आप अपने कांटेक्ट लिस्ट में सबको एक
साथ एक बार में भेजते हो. जैसे एक्जाम्पल के लिए,
मान लो आपको कोई नया कोर्स प्रोमोट करना है
तो आप एक ई-मेल लिखोगे और सबको एक साथ
भेजकर अपने नए ऑफर के बारे में बताओगे.
अपनी इन्विज़िबल सेलिंग मशीन से फायदा उठाने के
लिए आपको दोनों टाइप की ई-मेल को यूज़ करते वक्त
एक हेल्दी बेलेंस बनाये रखना होगा.
सेगमेंटेशन स्ट्रेटेज़ी का एक एक्जाम्पल ये है कि आप
एक सर्वे लेकर देखो, अपनी ई-मेल लिस्ट को सर्वे
भेजकर आप जो भी आंसर मिलेंगे, उसके अकोर्डिंग
आप उन्हें डिफरेंट कैटेगरी में डिवाइड कर सकते हो
ई-मेल मार्केटिंग में इस टाइप के सर्वे को “हेल्प मी हेल्प
यू” बोला जाता है.
आपकी ई-मेल का टाईटल डायरेक्ट सवाल से स्टार्ट
होना चाहिए ताकि आपके सब्सक्राइबर्स को पता चल
जाए कि आप उन सवालों के जवाब ढूंढ रहे हो. फिर
उन्हें ये बताओ कि आप उनका ज्यादा टाइम ना लेते हुए
बस उन्हें और अच्छे से जानने की कोशिश कर रहे हो.
उनसे उनके इंटरेस्ट, उनकी प्रॉब्लम और ज़रूरतों के
बारे में पूछो. आप उनसे हेल्प भी मांग सकते हो कि वो
आपको नेक्स्ट कंटेंट कैलेंडर प्लान करने के लिए कुछ
ऐसे टॉपिक्स सजेस्ट करे जिसके बारे में वो और ज्यादा
जानना चाहते है.
..
A <
भेजकर अपने नए ऑफर के बारे में बताओगे.
अपनी इन्विज़िबल सेलिंग मशीन से फायदा उठाने के
लिए आपको दोनों टाइप की ई-मेल को यूज़ करते वक्त
एक हेल्दी बेलेंस बनाये रखना होगा.
सेगमेंटेशन स्ट्रेटेज़ी का एक एक्जाम्पल ये है कि आप
एक सर्वे लेकर देखो, अपनी ई-मेल लिस्ट को सर्वे
भेजकर आप जो भी आंसर मिलेंगे, उसके अकोर्डिंग
आप उन्हें डिफरेंट कैटेगरी में डिवाइड कर सकते हो
ई-मेल मार्केटिंग में इस टाइप के सर्वे को “हेल्प मी हेल्प
यू” बोला जाता है.
आपकी ई-मेल का टाईटल डायरेक्ट सवाल से स्टार्ट
होना चाहिए ताकि आपके सब्सक्राइबर्स को पता चल
जाए कि आप उन सवालों के जवाब ढूंढ रहे हो. फिर
उन्हें ये बताओ कि आप उनका ज्यादा टाइम ना लेते हुए
बस उन्हें और अच्छे से जानने की कोशिश कर रहे हो.
उनसे उनके इंटरेस्ट, उनकी प्रॉब्लम और ज़रूरतों के
बारे में पूछो. आप उनसे हेल्प भी मांग सकते हो कि वो
आपको नेक्स्ट कंटेंट कैलेंडर प्लान करने के लिए कुछ
ऐसे टॉपिक्स सजेस्ट करे जिसके बारे में वो और ज्यादा
जानना चाहते है.
सर्वे करने के बाद जो डेटा आपको मिलेगा उसे
ऐनालाईज़ कर ले, इससे आपको बैटर आईडिया मिल
जाएगा कि अपने किस सब्सक्राइबर को किस ई-मेल
लिस्ट सेक्शन में डालना है और किस में नहीं.
Invisible Selling Machine
Ryan Deiss
Phase 5 – Re-Engagement
ई-मेल ओपन रेट होता क्या है? ये सब्सक्राइबर्स का
वो पर्सेटेज होता है जो आपकी ई-मेल से एंगेज होते
है. जैसे माना आपकी ई-मेल लिस्ट में 10,000
सब्सक्राइबर्स है और उनमे से सिर्फ 2000 ऐसे है जो
आपकी ई-मेल्स ओपन करते है. इसका मतलब है कि
आपका ओपन रेट 20% है.
अब प्रॉब्लम ये है कि बाकि के 80% ऐसे लीड्स है
जिन्हें आपके मैसेज में कोई इंटरेस्ट नहीं है इसलिए ये
लोग आपसे कभी कुछ नहीं खरीदेंगे. अगर आपका
ओपन रेट अच्छा है तो भी आपको उन सब्सक्राइबर्स के
बारे में सोचना चाहिए जो आपके कंटेंट के साथ एंगेज
नहीं है.
आपको अपनी ई-मेल लिस्ट क्लीन करनी होगी ताकि
आप सिर्फ प्रोस्पेक्टिव क्लाइंट्स पर फोकस कर सके
और आप री-एंगेजमेंट कैंपेन चला कर ऐसा कर सकते
है.
सबसे पहले तो उन सब्सक्राइबर्स को आइडेंटीफाई कर
लो जो आपकी मेल खोलकर नहीं देखते है. अब आप
उन्हें उनका हाल-चाल पूछते हुए एक ई-मेल लिखो और
All Done?
Finished
सबसे पहले तो उन सब्सक्राइबर्स को आइडेंटीफाई कर
लो जो आपकी मेल खोलकर नहीं देखते है. अब आप
उन्हें उनका हाल-चाल पूछते हुए एक ई-मेल लिखो और
उन्हें बताओ कि आप किस तरह की सर्विस या प्रोडक्ट
ऑफर कर रहे हो. अब इनमे से कुछ सब्सक्राइबर्स ऐसे
जरूर होंगे जो आपकी मेल खोलेंगे और आपके साथ
एंगेज हो जायेंगे, यही आपके टारगेट क्लाइंट्स है जिन्हें
आप अपने बाकि सब्सक्राइबर्स को ज्वाइन करने के
लिए इनवाईट करो.
अब बात आती है उनकी जो आपकी ई-मेल बिल्कुल
नहीं खोलते, ऐसे क्लाइंट्स को आप फॉलो -अप
ई-मेल्स भेज सकते हो. आप उन्हें फ्री गिफ्ट्स ऑफर
करके एंगेज करने की कोशिश कर सकते हो. अगर
उसके बावजूद वो आपको respond नहीं करते तो
उन्हें बताओ कि आप उन्हें अपनी ई-मेल लिस्ट से हटा
रहे हो.
इस तरह अपनी ई-मेल लिस्ट क्लीन कर सकते हो और
सिर्फ उन्ही सब्सक्राइबर्स को लिस्ट में रखो जो आपके
कंटेंट के साथ एंगेज रहते है, इससे आपका ओपन
रेट तो इनक्रीज होगा ही और ई-मेल इफेक्टिवनेस भी
बढ़ेगी. इस तरह से आपकी इन्विज़िबल सेलिंग मशीन
और भी पॉवरफुल बन जायेगी और आपको ज्यादा
अर्निंग करने की अपोर्च्यनिटी मिल जाएगी.
अर्निंग करने की अपोनिटी मिल जाएगी.
How To Craft Emails That Convert
इस चैप्टर में, आप कुछ ऐसे important टूल्स
के बारे में जानेंगे जो आपकी ओपन रेट , आपकी
ईमेल क्लिक रेट और आपके लैंडिंग पेज की
cconversion रेट को बढ़ा सकते हैं.
इसमें हम आपके ईमेल की सब्जेक्ट
लाइन,
उसकी
body और लैंडिंग पेज को बेहतर बनाने पर ध्यान
देंगे. अगर आप एक सक्सेसफुल मार्केटर बनना चाहते
हैं, तो आपको इनमें से हर एलिमेंट को उसके डिज़ाइन
किए गए पर्पस के लिए optimize यानी उसका बेस्ट
use करने की ज़रुरत है.
Example के लिए, ईमेल के सब्जेक्ट लाइन का
काम होता है कि वो आपके subscribers को
आपका ईमेल खोलने के लिए मजबूर कर दे. आप दो
तरह के सब्जेक्ट लाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं.
पहले को ‘ब्लाइंड’ कहा जाता है और इसका मकसद
होता है आपके subscribers की ईमेल खोलने की
curiosity यानी ईमेल में क्या लिखा ये पढ़ने की
इच्छा को बहुत बढ़ा देना. Example के लिए, आप
कुछ ऐसा लिख सकते हैं जैसे “मैंने एक गलती कर
दी…” इस सब्जेक्ट लाइन को पढ़कर subscriber
इच्छा का बहुत बढ़ा दना. Example क लए, आप
कुछ ऐसा लिख सकते हैं जैसे “मैंने एक गलती कर
दी…” इस सब्जेक्ट लाइन को पढ़कर subscriber
आपके ईमेल को खोलने के लिए बहुत बेसब्र हो
जाएगा, लेकिन हो सकता है कि अगर उसे आपका
कंटेंट देखकर निराशा हुई तो वह आपके ऑफ़र को
चेक करने के लिए क्लिक नहीं करेगा.
दूसरे टाइप के सब्जेक्ट लाइन को ‘डायरेक्ट’ कहा जाता
है और ये ऐसे टाइटल होते हैं जो सीधे subscriber
को आपका ईमेल खोलने के फ़ायदों के बारे में बताते
हैं. Example के लिए, आप कह सकते हैं “आज
अपना ट्रैफ़िक बढ़ाने के 6 तरीके जानें”. हालांकि इसके
chance बहुत ज़्यादा होते हैं कि कई subscriber
इस तरह के ईमेल नहीं खोलेंगे, लेकिन इसमें
conversion रेट हाई होता है क्योंकि जो कस्टमर्स
अपना ट्रैफिक बढ़ाने में इंटरेस्टेड होते हैं सिर्फ़ वही
ओपन बटन पर क्लिक करते हैं.
दूसरे एलिमेंट के लिए, यानी आपकी ईमेल की बॉडी
के लिए भी यही रूल अप्लाई होता है. आप एक ऐसी
ईमेल body लिख सकते हैं जो subscribers की
ज़्यादा जानने की इच्छा को बढ़ा दे यानी ‘ब्लाइंड’ लिख
सकते हैं या आप ‘डायरेक्ट’ एप्रोच का इस्तेमाल कर
सकते हैं जो सीधे-सीधे आपके ऑफ़र के फ़ायदों और
रसके ।।se के बारे में बताता है आप जो भी तरीका
A <
सकत है या आप ‘डायरेक्ट’ एप्रोच का इस्तेमाल कर
सकते हैं जो सीधे-सीधे आपके ऑफ़र के फ़ायदों और
उसके use के बारे में बताता है. आप जो भी तरीका
चुनते हैं, इस बात का ध्यान रखें कि हर बार एक अलग
कारण देते हुए आप अपने लैंडिंग पेज पर तीन लिंक
ज़रूर दें, ताकि अगर कोई एक लिंक काम नहीं करता
है, तो दूसरा या तीसरा ज़रूर करेगा.
आपके ईमेल का तीसरा एलिमेंट जिसे आपको
optimize करना चाहिए वह है आपका लैंडिंग
पेज. sale को close करने के लिए एक लैंडिंग
पेज क्रिएट की जाती है. यह आपके ईमेल जितना
ही important है, भले ही वह इसका बाहरी
(external) हिस्सा हो.
एक और ट्रिक है जो आप use कर सकते हैं और वो
है कि आपका ईमेल समझने में आसान होना चाहिए.
ऑथर इस टूल को अपनी खुशबू या ख़ासियत को
बनाए रखना कहते हैं. रायन कहते हैं कि आपके ईमेल
के परफेक्ट होने के लिए, शुरुआत से लेकर अंत तक
उसका एक ही गोल होना चाहिए यानी आपकी सब्जेक्ट
लाइन, ईमेल की body और लैंडिंग पेज सभी को एक
पर्पस के बारे में बताना चाहिए.
हम आपको यह नहीं बता सकते कि आपको exactly
क्या करना चाहिए क्योंकि सिर्फ़ trial & error मेथड
के.नगिा रेप करते ही था .नान Tm तिथााठी
१५० पापा ।। पा०५.
हम आपको यह नहीं बता सकते कि आपको exactly
क्या करना चाहिए क्योंकि सिर्फ trial &error मेथड
के ज़रिए टेस्ट करके ही आप जान पाएंगे कि अपनी
ईमेल की conversion रेट को कैसे optimize
या बढ़ाया जा सकता है. कभी भी एक्सपेरिमेंट
करने से ना डरें और हाँ नोट्स लेना ना भूलें क्योंकि
काम जितना भी अच्छा हो उसमें हमेशा इम्प्रूवमेंट की
गुंजाइश होती है. बस इस समरी से सीखी गई ट्रिक्स
को बुद्धिमानी से इस्तेमाल करें और फ़ायदे ख़ुद-ब-ख़ुद
आपके सामने होंगे.
Conclusion
रायन डाइस को कम उम्र में ही अपनी सुपरपॉवर के
बारे में पता चल गया था और उन्होंने अपना ये सीक्रेट
रीडर्स के साथ शेयर करने के लिए ही ख़ासतौर पर ये
बुक लिखी है.
इस समरी में आपने ई-मेल मार्केटिंग की इम्पोर्टेस के
बारे में पढ़ा. आपने सीखा कि एक वेल ऑर्गेनाईज्ड ,
वेल सेगमेंटेड और वेल मैनेज्ड ई-मेल लिस्ट बनाकर
आप जब चाहे, जहाँ चाहे और जितने चाहे उतने पैसे
कमा सकते हो.
ऑथर ने अपनी इस सुपरपॉवर को द इन्विज़िबल
सेलिंग मशीन का नाम दिया है. ये बिल्कुल उसी तरह
बारे में पढ़ा. आपने सीखा कि एक वेल ऑर्गेनाईज्ड,
वेल सेगमेंटेड और वेल मैनेज्ड ई-मेल लिस्ट बनाकर
आप जब चाहे, जहाँ चाहे और जितने चाहे उतने पैसे
कमा सकते हो.
ऑथर ने अपनी इस सुपरपॉवर को द इन्विजिबल
सेलिंग मशीन का नाम दिया है. ये बिल्कुल उसी तरह
है जैसे आपके पास खुद की एटीएम मशीन हो जिसमें
आपको बस कुछ ई-मेल्स सेंड करनी है और फिर
जितने चाहे उतने पैसे निकाल लो.
इसमें आपने इफेक्टिव ई-मेल मार्केटिंग के फाईव
स्टेज के बारे में पढ़ा और Indoctrination,
Engagement, Ascension,
Segmentation और Re-Engagement के
बारे में सीखा.
अगर आप भी कोई ऐसी एक्स्ट्राऑर्डिनरी स्किल
सीखने के बारे में सोच रहे हो जो आपको फाइनेशियल
फ्रीडम दे सके, तो आप इस समरी में दी गई स्किल्स
और स्ट्रेटेज़ी सीख कर उन्हें रियल लाइफ में फॉलो
कर सकते हो और जल्द से जल्द अमीर बन सकते
हो.