DotCom Secrets: The
Underground Playbook f…
Russell Brunson
परिचय
Russell ब्रोनसन ने सिर्फ एक ही क्लाइंट से वन मिलियन डॉलर पैसे कैसे कमाए, क्या आप ये बात
जानना चाहते है ? तो इसका जवाब और बाकी और भी बहुत कुछ आपको इस किताब से पता चलेगा.
आपने कई और भी ऑनलाइन बिजनेसेस के बारे में पढ़ा या सुना होगा कि वे कैसे इतने सक्सेसफुल बने. हो सकता है कि आपने वही सेम टेक्नीक्स कॉपी भी की हो वो जो उन्होंने यूज़ की. आपको बस ऊपर की बात पता है, अन्दर क्या छुपा है ये तो आपको मालूम ही नहीं है. ये कंपनियां कुछ ऐसी टेक्नीक्स और स्ट्रेटीज़ यूज़ करती है जिससे ये इतनी सक्सेसफुली काम करती है. और अच्छी बात ये है कि अब आप भी ये सीक्रेट्स जानने वाले है. इस किताब को पढने के बाद आपको ये पता चलेगा कि आपको कस्टमर कैसे मिलेंगे. और साथ ही उनसे कम्युनिकेट कैसे किया जाए. कैसे उनके साथ एक लॉन्ग टर्म बिजनेस का रिश्ता कायम किया जाये? मगर ये सब जानने से पहले आपको कुछ इम्पोर्टेट कोंसेप्ट समझने पड़ेंगे. डॉट कोम सीक्रेट्स की एडवांटेज ये है कि इसमें जो टेक्नीक्स इन्क्यूड है वो चेंज नहीं होंगी.
पहले, आपको अपने प्रोजेक्ट्स को छोटे छोटे टास्क में डिवाइड करके सिंपल बनाने की ज़रुरत है. फिर
आपको उन 20 परसेंट टास्क्स पर फोकस करना चाहिए जो सबसे ज्यादा प्रॉफिट ला सकते हैं. अपने
प्रोजेक्ट के लिए एक डेडलाइन सेट करना बहुत हेल्पफुल होता है . ये आपको कम समय में ज्यादा
करने के लिए एक पुश(ज़ोर देना) देता है . फिलोफैक्स कंपनी के हेड रॉबिन फील्ड थे ये कंपनी
बाइंडर्स बेचती थी . ऑथर इस स्टोरी को बताते हैं कि कैसे 1980 में ये कंपनी कण्ट्रोल से बाहर हो गई थी.
उन्होंने सभी टाइप के प्रोडक्ट्स को बनाने के लिए अपने स्टॉक को बढ़ा दिया था. जो बाइंडर्स वो बेच रहे
थे उनमें सभी तरह के साइज़ेस (sizes), स्किन और थीम थे. ये शायाद एक बहुत अच्छी स्ट्रेटेजी लग सकती
होगी , लेकिन इसके रिजल्ट्स बहुत खराब थे . इससे इन्वेंट्री में बहुत ज्यादा प्रोडक्ट्स भर गए थे. उसे
खरीदने वाला कोई नहीं था . एक और प्रॉब्लम थी ,इन बाइंडर्स में जो नए प्रोडक्ट्स ऐड किये गए थे; वो यूज़
करने में इतने कॉम्लेक्स थे कि इससे सिर्फ कन्फ़्युज़न होने लगी.
चए इन कॉम्प्लेक्स, महंगे बाइंडर्स को बनाने में कितना पैसा खर्च किया गया होगा और अब वो सिर्फ
स्टॉक में पड़े थे. इससे ये साबित होता है कि स्टॉक मैनेजमेंट आपके बिज़नेस की सक्सेस के लिए कितना
इम्पोर्टेन्ट है. टेक्नीक्स इन्क्यूड है वो चेंज नहीं होंगी. जब एक बार फेसबुक या गूगल अपडेट हो जाए तो बाकी किताबे बेशक यूजलेस हो जाती होंगी मगर डॉट कोम सीक्रेट्स नहीं. जो आज आपने इससे सीख लिया वो आप सालो बाद भी अप्लाई कर सकते है.और ये पोसिबल है कि आपका खुदका ऑनलाइन बिजनेस बहुत जल्द ग्रो करने लगे. ये बात Russell ब्रोनसन ने अपनी कंपनी के श्रू प्रूव की है. क्योंकि ये सारी टेक्निक्स ट्राइड एंड टेस्टेड है. इस बात की पूरी गांरटी है कि आप इससे पहले से ज्यादा प्रॉफिट कमाएंगे.
द सीक्रेट फार्मूला
इस सीक्रेट फोर्मुले में चार क्वेश्चन शामिल है. पहला सवाल है कि आपका ड्रीम क्लाइंट कौन है ? दूसरा,
“आपको अपने ड्रीम क्लाइंट मिलेंगे कहाँ?” तीसरा सवाल है, “इस तरह के क्लाइंट्स को अट्रेक्ट करने के
लिए आप करेंगे क्या? और आखिरी सवाल है कि ” आप अपने क्लाइंट को क्या रिजल्ट देना चाहेंगे?
इससे पहले कि आप किसी भी तरह का बिजनेस स्टार्ट करे, आपको इन सवालो के ज़वाब ढूँढने होंगे. ये बात
मैटर नहीं करती कि आपका बिजनेस ऑनलाइन है या ऑफलाइन, सारे ज़वाब आपके माइंड मे क्लियर होने चाहिए ताकि आप स्मूथली अपने बिजनेस को शुरू कर सके. लेखक (Russell)ब्रोनसन ने जब अपना ऑनलाइन बिजनेस शुरू किया था तो उन्हें कुछ सीरियस प्रोब्लम्स आई थी. उन्हें कुछ समझ नहीं आता था, कोई मोटिवेशन नहीं था उनके पास. क्योंकि जैसे क्लाइंट वे चाहते थे वैसे उन्हें मिल नहीं पा रहे थे.
Russell का प्राइमरी बिजनेस लोगो को ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए” ये सिखाना था. रशेल कन्वर्जन
सीक्रेट्स और सेल्स फनल्स जैसे एडवांस टेक्नीक्स शेयर करना चाहते थे. मगर उनके क्लाइंट्स बस
नौसिखए लोग थे. वे बस डोमेन और वेब होस्टिंग जैसी बेसिक इन्फोर्मेशन चाहते थे. एक दिन रशेल सुबह उठे तो बड़े दुखी थे. वो ऐसा बिजनेस कर रहे थे जो उन्हें पसंद नहीं आ रहा था जो उन्होंने पहले खुद ही शुरू किया था. तब उनके दिमाग में ये सीक्रेट फोर्मुला आया. रशेल ने रियेलाइज किया कि सबसे पहले तो उन्हें अपने लिए आइडियल क्लाइंट्स ढूँढने होंगे. उन्होंने अपने ड्रीम क्लाइंट के बारे में सोचा, उन्होंने इमेजिन किया कि वे कैसे दीखते होंगे और उनकी पर्सनेलिटी कैसी होगी. रशेल ने अपने माइंड में ये बात क्लियर कर ली कि उनके क्लाइंट ऐसे होंगे जो पैसे से पहले अपनी पर्सनल ग्रोथ को प्रायोरिटी देंगे. साथ ही उनका नेट वर्थ भी एनुअली फाइव फिगर से कम ना हो.
आपके क्लाइंट्स ऐसे होने चाहिए जिनके साथ आप हर रोज़ काम कर सके. और उनको जानना भी आपके चाहिए,ये बात आपके बिजनेस में काफी हेल्प करेगी. बजाये इसके कि आपके दिमाग में क्लाइंट की वेग इमेज हो.
अपने ड्रीम क्लाइंट्स डिसाइड करने के बाद अब ये सोचे कि उन्हें कहाँ ढूढना है? आपको इस तरह के लोग
कहाँ मिल सकते है? ऐसे लोग किस तरह की साइट्स visit करते है? कैसे ब्लोग्स में इंटरेस्ट लेते है? कैसी
मेग्जींस पढ़ते है ? ये जानना इसलिए ज़रूरी है ताकि
आपको उनकी अटेंशन मिल सके. अगला स्टेप होगा एक राईट बेट यानी टारगेट रखना. ये कुछ भी हो सकता है, कोई बुक, कोई वीडियो, या कोई प्रोडक्ट या फिर कोई भी ऐसी चीज जिससे आपके
ड्रीम क्लाइंट्स का अटेंशन आपकी तरफ फौरन खिंचा चला जाए. जैसे हम फिश पकड़ने के लिए बेट का यूज़ करते है उसी तरह अपनी बेट को उस जगह लगाए जहाँ आपको ज्यादा से ज्यादा ड्रीम क्लाइंट्स मिल सके. लेकिन ध्यान रहे बेट इफेक्टिव होनी चाहिए. रशेल ब्रोसनन ने अपनी बेट एक बुक के तौर पर रखी.
जिसका टाइटल है (“DOT COM SECRET LABS: 108 PROVEN SIMPLE TEST WINNERS”) डॉट कोम सीक्रेट्स लेब्स : 108 प्रूवन स्पिल्ट टेस्ट विनेर्स”. अब इस बुक की सबसे बढ़ी एडवांटेज ये है कि किसी भी बिगेंनर को split टेस्ट्स का आईडिया नहीं है. तो इस तरह ये बुक उसी तरह के ये क्लाइंट्स को अट्रेक्ट करती है जैसे उन्हें चाहिये.
सिर्फ वही लोग split टेस्ट्स के बारे में जानते होंगे जो सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट है. तो ये लोग रशेल ब्रोनसन के
बुक की एक कॉपी लेने के लिए बहुत ईगर होंगे. तो इस तरह रशेल की प्रॉब्लम का ये सोल्यूशन था कि बस उन्हें राईट बेट ढूंढनी थी. चलो अब आपको आपके क्लाइंट्स के बारे में पता चल गया. आपको पता है वे कहाँ मिलेंगे और किस तरह की बेट से आप उन्हें अट्रेक्ट करेंगे. तो अब आपका ये गोल होना चाहिए कि आप उन्हें बेस्ट रिजल्ट प्रोवाइड करे. तो आप उन्हें क्या रिजल्ट देना चाहेंगे? “किसी भी बिजनेस का मतलब सिर्फ प्रोडक्ट और सर्विसेज नहीं होता, बिजनेस का मतलब होता है कि आप क्लाइंट्स को किस तरह का रिजल्ट देते है” अगर आप उन्हें बढ़िया रिजल्ट देंगे तो वे हायर प्राइस पे करने के लिए भी तैयार रहेंगे. रशेल ब्रोनसन अपने क्लाइंट को जो बढ़िया रिजल्ट ऑफर करते है वो ये है कि वे अपनी एक टीम क्लाइंट के ऑफिस में भेजते है. रशेल की टीम क्लाइंट की कंपनी के सेल्स डिपार्टमेंट के लिए लोगो को हायर करती है और उन्हें ट्रेनिंग देती है. ये टीम ऐसा सिस्टम तैयार करती है जिससे कंपनी की सेल्स लगातार बनी रहे. और सबसे इम्पोर्टेट बात कि ये टीम क्लाइंट का अपना सेल्स फनल बिल्ड करती है. ये रशेल का बेस्ट ऑफर है. बाक़ी के क्लाइंट उनकी किताबे पढ़ सकते है या उनके कोर्स में एडमिशन ले सकते है. लेकिन जो लोग ये अफोर्ड कर सकते है उनको रशेल की बेस्ट सर्विसेस से काफी बेनिफिट होता है. क्लाइंट को एक्सीलेंट रिजल्ट मिलने की उम्मीद रहती है. हालाँकि उनके प्राइस बहुत ज्यादा है. एक्चुअल पेमेंट के अलावा भी कंपनी को सेल्स का कुछ परसेंट उन्हें देना पड़ता है. कुल मिलकर ये सर्विसेस मिलियन डॉलर की पड़ती है. अगर आपको भी ऐसे ही क्लाइंट मिल जाए तो? क्या आप उनको अपनी बेस्ट सर्विसेस दे पाएंगे? अपने क्लाइंट्स को गारंटीड सक्सेस देने के लिए आप क्या करेंगे? आप अपने क्लाइंट्स को क्या अचीव करवाना चाहेंगे?
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द वेल्यू लैडर
वेल्यू लैडर के पीछे लोजिक ये है कि जितनी ज्यादा वेल्यू आप कस्टमर्स को देंगे उतना ही ज्यादा वे पे करने
को तैयार रहेंगे. वेल्यू से मतलब है कि ये कोई प्रोडक्ट हो सकता है या कोई सर्विस जो आप दे सके. इस लैडर
के फर्स्ट स्टेप में आप अपने कस्टमर को एक स्माल प्राइस में एक स्माल प्रोडक्ट देंगे. ये एक ट्रायल या
सैंपल की तरह है. अब जब इस स्माल प्रोडक्ट से कस्टमर आपके बारे में जानेगे कि आप उन्हें क्या दे सकते है तो दुसरे स्टेप में आप उन्हें पहले से बड़ा प्रोडक्ट देंगे जिसका प्राइस भी ज्यादा होगा. और इस वेल्यू लैडर का हाईएस्ट स्टेप ही आपका अल्टीमेट गोल होगा जो कस्टमर को बिगेस्ट प्राइस में बेस्ट वेल्यू देना है.
जॉन नामका आदमी एक बार डेंटिस्ट के पास गया. ये उसकी पहली विजीट थी. जाते ही डेंटिस्ट ने उससे
पुछा” जॉन क्या तुम स्मोक करते हो? जॉन ने बोला नहीं. उसने कभी स्मोक करना तो दूर सिगरेट को हाथ
भी नहीं लगाया था. “आप ऐसा क्यों पूछ रहे है?” “क्योंकि तुम्हारे दांत बहुत पीले है” डेंटिस्ट ने कहा. अगर वो स्मोक नहीं करता है तो हो सकता है खूब कॉफ़ी पीता हो.
जॉन ने बताया वो कॉफ़ी भी नहीं पीता. “क्या मेरे दांत इतने पीले है?” तभी उसे याद आया कि उसका हेल्थ
इंश्योरेंश टीथ क्लीनिंग भी कवर करता है. जॉन ने डेंटिस्ट से अपने दांत क्लीनिंग करने के लिए कहा.
डेंटिस्ट ने जवाब दिया कि उसके दांत वाकई में बहुत पीले हो रहे है. “मगर फ़िक्र मत करो” डेंटिस्ट ने कहा” अगर तुम चाहो तो मै तुम्हारे लिए कुछ कस्टम टीथ वाईटनिंग ट्रे बना सकता हूँ” तुम्हे ये कुछ हफ्तों तक इस्तेमाल करने होंगे, लेकिन अगर तुम सिस्टम फॉलो करोगे तो तुम्हारे दांत फिर से व्हाईट हो जायेंगे.”
“हां जी प्लीज़!” जॉन बोला. उसे पीले दांत नहीं चाहिए थे. डेंटिस्ट ने उसकी टीथ क्लीनिंग कर दी. फिर कुछ
टाइम बाद डेंटिस्ट ने पुछा” जॉन, क्या बचपन में तुम्हारे दांतों पे ब्रेसेस लगे थे? “हां,लेकिन आपको कैसे पता”? जॉन बोला. “बात ये है कि तुम्हारे नीचे वाले दो दांत फिर से शिफ्ट हो रहे है और ज़्यादातर ये उनके साथ होता हैजिन्हें ब्रेसेस लगे होते है” जॉन हैरान हो गया. उसने तो कभी ध्यान ही नहीं दिया था.
“क्या मेरे दांतों में शिफ्टिंग हो रही है, आप इसे कैसे ठीक करेंगे”?
“तुम चाहो तो मै तुम्हारे लिए एक रीटेनर बना सकता हूँ जिससे दांत अपनी जगह पर बने रहेंगे” अब भला जॉन क्यों चाहता कि उसके दांतों में शिफ्टिंग हो, उसे तो हेल्दी टीथ चाहिए तो वो इस बात के लिए भी मान गया. “हाँ जी, ये भी कर दीजिये” उसने डेंटिस्ट से कहा. जॉन डेंटिस्ट के पास बस टीथ क्लीनिंग के लिए आया
था लेकिन अब वो पूरे टू थाउजेंड डॉलर्स पे कर रहा था जो उसके नए रीटेनेर्स और व्हाईटनिंग किट का
बिल था. क्योंकि जॉन का डेंटिस्ट वेल्यू लैडर के बारे में अच्छी तरह जानता था. वो जॉन को हायर प्राइस में
ज्यादा वेल्यू की सर्विसेस ऑफर करता रहा और जॉन लेता रहा. तो इस तरह डेंटिस्ट ने जॉन के लिए एक बेट क्रियेट किया. और वो बेट थी फ्री टीथ क्लीनिंग सर्विस. डेंटिस्ट ने जॉन को पहले ही वेल्यू दे दी थी उसके टीथ क्लीनिंग करके. बाद में उसने ये भी नोटिस किया कि जॉन के दांतों को व्हाटनिंग की भी ज़रुरत है तो इस तरह जॉन हर बात मानता चला गया क्योंकि डेंटिस्ट उसे ज्यादा वेल्यू जो दे रहा था. फिर डेंटिस्ट ने उसे कुछ और वेल्यू की सर्विस भी ऑफर की जो टीथ शिफ्टिंग के लिए रीटेनेर्स थी. जॉन ने ये सर्विस भी खरीद ली. और इस तरह से डेंटिस्ट ने उसे बड़े अच्छे ढंग से वेल्यू लैडर की ओर गाइड किया. यहाँ तक कि जॉन ने उससे 6 मंथ्स बाद का एक और अपोइन्टमेंट भी ले लिया जिसका सीधा मतलब था कि उस डेंटिस्ट को आगे और भी प्रॉफिट होने वाला है.
वेल्यू लैडर एक ग्रेट कोंसेप्ट है जो आप अपने बिजनेस में अप्लाई कर सकते है. लेकिन सेल्स फनल जैसी
एडवांस्ड स्ट्रेटीज़ पर आगे बड़ने से पहले आपको ये ज़रूर सीखना पड़ेगा. अगर आपके कस्टमर्स हाई
प्राइस देने के लिए तैयार है तो आपको भी उन्हें बेस्ट प्रोडक्ट या सर्विसेस प्रोवाइड करवानी पड़ेगी. अगर वो
डेंटिस्ट जॉन को पहले ही बोल देता कि उसे टू थाउजेंड डॉलर्स खर्च करने पड़ेंगे तो जॉन तुरंत मना कर देता. तो अपनी इमेजिनेशन यूज़ करे. हमेशा कुछ न कुछ नया ऑफर करते रहे. कुछ ऐसे कस्टमर भी होंगे जो हर कीमत पर इंटरेस्टेड होंगे. क्योंकि उन्हें मालूम है कि आप उन्हें ग्रेट वेल्यू देंगे. कोशिश करे कि आपको नए-नए आईडियाज मिलते रहे. अगर लोग आपके क्वालिटी प्रोडक्ट्स के बदले पांच हज़ार डॉलर्स खरीदने को तैयार है तो इसका मतलब आगे भी और ज्यादा खर्च कर सकते है. तो हमेशा ग्रेट आईडियाज लेकर आते रहे. क्योंकि अपने कस्टमर को ज्यादा वेल्यू देना ही आपका गोल है.
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फ्रॉम अ लैडर टू अ फनल
एक वैल्यू लैडर हमेशा बेट से स्टार्ट होती है. इसके हर लेवल पर आप कस्टमर को और ज्यादा वेल्यू ऑफर
करते है जिसके बदले में वे और ज्यादा पे करते है. एक सेल्स फनल भी बेट से ही शुरू होती है. आपके
कस्टमर इस फनल में जितना डीप जाते है उतना ही ज्यादा पे करते है क्वालिटी प्रोडक्ट्स के लिए. अगर
आपके पास भी एक सेल्स फनल है तो आप अपने हर कस्टमर को ये सेल्स फनल उनके बजट के हिसाब से प्रोवाइड करा सकते है. और इम्पोर्टेट बात ये है कि ये सेल्स फ़नल आपको अपने कस्टमर ढूढने में भी हेल्प करेगी जिनके पास इतना बजट हो कि आपका बेस्ट ऑफर ले सके. इसी बीच आपके बिजनेस में भी पैसा आता रहेगा. एक सेल्स फनल को समझने के लिये आप अपने किचन में काम आने वाला फनल को इमेजिन कर सकते है। इमेजिन करे कि आपने एक फनल पकड रखा है जिसमे ऊपर एक क्लाउड मंडरा रहा है. ये क्लाउड आपके पोसिबल कस्टमर्स को रीप्रेजेंट करता है. इस फनल की रिम पर आपका बेट है जहाँ पर
आपको अपने एक्चुअल कस्टमर्स मिलेंगे. अब आप ये भी ज़रूर चाहेंगे कि आपके कस्टमर हमेशा आपके लॉयल बने रहे जिसके लिए उनका फनल में और डीपर जाना ज़रूरी है. इनमे से जो आपकी बेट लेंगे वे कस्टमर आपके फ्रंट एंड प्रोडक्ट को खरीदने के लिए तैयार रहेंगे. ये आपका फर्स्ट ऑफर होगा.
मगर हर कोई ऐसा नहीं होगा जो ज्यादा पे करना चाहेगा. तो फ़िक्र की कोई बात नहीं क्योंकि आपको
कोई और कस्टमर मिल जाएगा जो पे करने को तैयार होगा. फ्रंट एंड के बाद फनल का एक और मिडल
लेवल बचा है. आपका गोल होगा कि कस्टमर इससे और डीप में जाए. इस फनल के बॉटम में ही आपके
ड्रीम कस्टमर मिलेंगे जिन्हें पैसे की खास फ़िक्र नहीं है. उन्हें तो बस आपके बेस्ट प्रोडक्ट चाहिए.
क्या आपको कोई ऐसा ऑनलाइन बिजनेस पता है जो दस साल पहले शुरू हुआ था? उन दिनों में कस्टमर
मिलना आसान होता था क्योंकि तब कोम्प्टीशन बिलकुल नहीं के बराबर था. तब अगर किसी
ऑनलाइन बिजनेस में कोई फ्रंड एंड प्रोडक्ट होता था तो उसे बस (Advertisement) ऐड्स के लिए
पे करना होता था ताकि उन ऐड्स को देखने वाला कस्टमर खरीदने के लिए तैयार हो जाए.
ऑनलाइन बिजनेस को आसानी से पैसा वसूल हो जाता था और वो भी ज्यादा. लेकिन अब टाइम चेंज
हो गया है. आज पहले से ही ऑनलाइन बिजनेस की भीड़ लगी है. कोम्प्टीशन बहुत स्ट्रोंग हो गया है. हर
एडवरटाईजमेंट का पादस बहत बाद गया है अब इतनी सारी चोइसेस हो गयी है तो कस्टमर कोई भी चीज़ तुरंत नहीं लेता. आज ऑनलाइन बिजनेस में पैसा कमाना एक बड़ा चेलेंज बन गया है.
कुछ ऐसी कंपनीज भी है जो पास्ट में तो काफी सक्सेसफुल थी लेकिन बाद में ड्रामेटिक चेंज को एडाप्ट
नहीं कर पाई तो बंद हो गयी. सिर्फ स्ट्रांगर ऑनलाइन बिजनेस ही प्रोस्पर कर पाए. रशेल ब्रोनसन ने अपने मेंटर्स से काफी कुछ सिखा. यही वजह थी कि उनका ऑनलाइन बिजनेस बढ़िया ग्रो करता रहा. उन्हें पता चल गया था कि डीप फनल का होना बहुत इम्पोर्टेट है. अगर आपके पास एक डीपर फनल है तो इसका मतलब कि आपके पास ऑफर करने के लिए ज्यादा प्रोडक्ट या सर्विसेस है. जैसे जैसे आपके कस्टमर डीपर जायेंगे आपकी सेल्स इनक्रीज होती जायेगी. और जब उन्हें बढ़िया प्रोडक्ट या सर्विस मिलेगी वैसे ही प्राइस भी बड़ते जायेंगे. आप इस प्रॉफिट का यूज़ करके और भी ज्यादा कस्टमर पा सकते है. यहाँ हम रशेल ब्रोनसन के सेल्स फनल का एक एक्जाम्पल लेते है. ऐसे कई कस्टमर है जिन्होंने उनके डॉट कोम सीक्रेट बुक की कॉपी खरीदी है. उनमे से कुछ कस्टमर उनके ऑनलाइन कोर्स में एडमिशन लेने के लिए भी तैयार रहेंगे. फिर भी कुछ और ऐसे भी होंगे जो रशेल ब्रोनसन के इनर सर्कल प्रोग्राम को ज्वाइन करना चाहेंगे. और फिर उनमे से कछ और उनके सेल्स फनल में और डीपर जाना चाहेंगे और उनकी मिलियन डॉलर प्रोग्राम की फेसिलिटी अवेल करेंगे. और तब रशेल की टीम उन कस्टमर के ऑफिस विजिट करेगी.
क्या आप इससे बैटर कोई प्रोडक्ट या सर्विस सोच सकते है जो आप ऑफर कर सके ? अपना खुद
का एक सेल्स फनल सोचिये. अगर आप पहले से बेहतर वेल्यू लेकर आते रहेंगे तो आपको उसे खरीदने
वाले कस्टमर मिलते रहेंगे. यही वो कस्टमर है जो आपको चाहिए. क्योंकि उनके लिए पैसा कोई मायने
नहीं रखता. आपके बिजनेस में पोटेंशियल है कि वो ऑनलाइन मिलियन डॉलर्स कमा सके. रशेल की तरह
ऐसे कई एंटप्रेन्योर्स है जिन्होंने ये मुमकिन कर दिखाया है तो आप भी ऐसा कर सकते है. ये कोई इम्पोसिबल काम नहीं है.
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कैसे ढूंढें अपने ड्रीम कस्टमर
सीक्रेट फार्मूला के हिसाब से आपको अपने ड्रीम कस्टमर्स के बारे में पता होना चाहिए और ये भी कि
कहाँ पर मिलेंगे. इस चैप्टर में हम ट्रैफिक ड्राईविंग के बारे में सीखेंगे यानी कि कैसे लोगो को
अपनी वेबसाईट तक लेकर आये. ट्रैफिक का मतलब है आपके पोटेंशियल कस्टमर. ये वो लोग है जिन्हें आप अपनी साईट विजीट के लिए अट्रेक्ट करना चाहते है. एक इम्पोर्टेन्ट कोंसेप्ट जो आपको सीखना पड़ेगा वो है पॉवर ऑफ़ कोंग्रीगेशन. कोंग्रीनेशन वर्ड से हो सकता है आपको चर्च की याद आ जाए. चर्च वो जगह होती है जहाँ सेम बिलिफ और वेल्यूज़ रखने वाले लोगो का ग्रुप आता है.अगर आप ऐसे किसी बिलिवेर्स के ग्रुप को कुछ बेचने की कोशिश करेंगे तो आपको उनके चर्च में जाकर अपना प्रोडक्ट पिच करना पड़ेगा.
रशेल ब्रोनसन के हाई स्कूल के दिनों में उनके पांच क्लासमेट हमेशा लन्च टाइम में एक कार्ड गेम्स खेला
करते थे. कार्ड गेम का नाम है “मैजिक : द गेदरिंग”. वे आपस में बैठकर मज़े से खेलते रहते थे. Russell
ने सोचा कि क्या होता अगर बाकी स्कूल्स के दुसरे पहले की बात है तब बच्चो के पास आपस में इंटरएक्ट करने का और कोई ऑप्शन नहीं था.
मगर अब इन्टरनेट की वजह से सारे बच्चे मैजिक कार्ड्स ऑनलाइन खेल सकते है. वे अपने दोस्तों के
साथ या दुनिया के किसी भी पार्ट के किसी भी प्लयेर से इंटरएक्ट कर सकते है. वे चाहे तो फोरम बनाकर
कोंग्रीगेट कर सकते है, अपने पसंदीदा गेम के बारे में आईडियाज़ शेयर कर सकते है. मैजिक कार्ड के मार्केटर के लिए अपने कस्टमर्स तक पहुंचना काफी मुश्किल रहा होगा. क्योंकि वे हर हाई स्कूल में विजिटनहीं कर सकते. लेकिन आज के टाइम में जब किसी मर्केटर के पास कोई प्रोडक्ट होता है तो
उसे बस किसी ऑनलाइन मैजिक प्लयेर के कोंग्रीगेशन को ढूढने की ज़रुरत है यानी ऐसी वेबसाईट और बलाँग को ढूढने की जरुररत है जहाँ पर लोग ये गेम खेलते है. उसके लिए ये काफी इजियर और चीपर है. किसी भी हॉबी या शौक को ले ले, आपको पक्का इसके प्लेयर की ऑनलाइन कोंग्रीगेशन मिल जायेगी.
अगर आपको श्योर नहीं कि अपने लिए आपको ट्रैफिक कहाँ पर मिलेगा तो बस गूगल करके उसका ऑनलाइन कोंग्रीगेशन सर्च करे. बस आपको की वर्ड्स टाइप करना है और उसके आगे फोरम एड करना है. या फिर आप फेसबुक पर उनका ग्रुप भी सर्च कर सकते है. यहाँ हम तीन टिप्स बताते है जिससे आप अपने ड्रीम कस्टमर्स पा सकते है. सबसे पहला तो है कि टारगेट मार्किट जान ले. ट्रेडीशनल मीडिया जैसे टेलीविजन सिर्फ जेंडर, एज और लोकेशन के बेस पर अपने एडवरटीज़मेंट्स के लिए सर्च करता है. ये डेमोग्राफिक्स काफी जर्नल होते है.
आज के टाइम में इंटरनेट से किसी के भी बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है. आज हम किसी का भी शू
साइज़ पता कर सकते है, उसका मेडिकल बैकग्राउंड या फेवरेट मूवी के बारे में जान सकते है. और आजकल
ऐड्स भी स्पेसिफिक हो गए है. इन्टरनेट में ऐसे भी ऐड्स दिए जाते है जो स्पेसिफिक लोगो के ग्रुप को ही
टारगेट करते है. इन्फोर्मेशन की तो इन्टरनेट पर जैसे भरमार हो गयी है. इसलिए जो भी एड दिए जाए वे
स्पेसिफिक हो और ख़ास ग्रुप को टारगेट करने वाले होने चाहिए. उनमे किसी इंडीविजुएल को डाइरेक्ट
अप्रोच करने की अपील होनी चाहिए. अगर एड कस्टमर के लिए रेलेवेंट नहीं है तो वो कस्टमर आपका प्राडक्ट खरीदने के लिए कभी भी अट्रेक्ट नहीं होगा. इमेजिन करे कि आपकी पेटस की शाँप है तो बस एक डॉग फूड का एड देना ही काफी नहीं होगा आपको कैट ओनर्स को भी अपील करना पड़ेगा. ज़रा याद करे वो कमर्शियल ऐड्स जब आप छोटे हुआ करते थे. क्यों अब तक वे ऐड्स आपको ज्यो के त्यों याद है?
दूसरी टिप है कि आपको ये पता होना चाहिए कि आपके जो टारगेट कस्टमर है उनकी कोंग्रीगेशन कहाँ
पर होती है. कहाँ पर आपके ड्रीम कस्टमर्स हेंग आउट करते है. कौन सी साइट्स विजिट करते है? कौन से ब्लोग्स पर जाते है? क्या उनका कोई फेसबुक ग्रुप है ? वे अमेज़न से क्या खरीदते है? वे गूगल में क्या प्रोडक्ट वे सर्च करते है ? ये सब आपको पता होना चाहिए.
इमेजिन करे कि आप गोल्ड माइनर है तो ज़ाहिर है आपको गोल्ड इकट्टे ही एक जगह मिलेगा क्योंकि
गोल्ड पहाड़ो पर किसी वेनिस यानी कि नसो की तरह फैला होता है. अगर आपको कहीं पर थोडा सा भी मिल जाए तो आप उस लाइन पर चलते हुए और गोल्ड ढूंढ सकते है. इन्टरनेट भी ऐसे ही एक बड़ा सा माउंटेन जैसा है जिसमें वेन ऑफ़ गोल्ड आपके ड्रीम कस्टमर्स की तरह है. जब आप को कुछ कस्टमर मिलते है तो आप बाकी भी इसी तरह ढूंढ लेंगे. इसके लिए आपको थोडा और गहराई में जाना होगा. जब आपको पता होगा कि आपके कस्टमर का ग्रुप कहाँ पर है तो अपने प्रोडक्ट को पिच करना आपके लिए इजियर हो जाएगा. अगर आप इसी तरह अपनी सर्च चालू रखे तो आप शायद वो न्यूज़लैटर भी मिल जाए जो आपकी कस्टमर कोंग्रीगेशन सबस्क्राइब करती है. बस आपको ये करना है कि उस न्यूजलैटर में अपना ऐड्स देना है. आप चाहे तो उनके फेवरेट ब्लॉग या फेसबुक ग्रुप में भी अपने ऐड्स देने के लिए पे कर सकते है. अब थर्ड
टिप है अपने ड्रीम कस्टमर्स का अटेंशन पाना. मान लो उनकी कोंग्रीगेशन अपने फेसबुक या फोरम में आपस में इंटरएक्ट करने में बीजी है या फिर वे अपने ब्लोग्स और गहराई में जाना होगा. जब आपको पता होगा कि आपके कस्टमर का ग्रुप कहाँ पर है तो अपने प्रोडक्ट को पिच करना आपके लिए इजियर हो जाएगा.
अगर आप इसी तरह अपनी सर्च चालू रखे तो आप शायद वो न्यूज़लैटर भी मिल जाए जो आपकी कस्टमर
कोंग्रीगेशन सबस्क्राइब करती है. बस आपको ये करना है कि उस न्यूजलैटर में अपना ऐड्स देना है. आप
चाहे तो उनके फेवरेट ब्लॉग या फेसबुक ग्रुप में भी अपने ऐड्स देने के लिए पे कर सकते है. अब थर्ड
टिप है अपने ड्रीम कस्टमर्स का अटेंशन पाना. मान लो उनकी कोंग्रीगेशन अपने फेसबुक या फोरम में आपस में इंटरएक्ट करने में बीजी है या फिर वे अपने ब्लोग्स या न्यूजलैटर रीडिंग में बीजी है तो आप कैसे उनका अटेंशन डाईवर्ट करेंगे ताकि वो आपकी साईट पर खींचे चले आये? आपने देखा होगा कैसे कई बार न्यूजपेपर बड़े और शॉकिंग हेड लाइन्स का यूज़ करते है. आपको बस यही कोंसेप्ट अप्लाई करना है. आपके ऐड्स कुछ अलग और कैची होने चाहिए ताकि एकदम से कस्टमर को क्लिक हो लेकिन ध्यान रहे कि वो ऐड्स कस्टमर के मतलब का हो जो उन्हें तुरंत सब काम छोड़कर आपकी साईट पर जाने के लिए मजबूर कर दे. और फिर एक बार जब वे आपकी साईट पर आ जाये तो आप उन्हें अपना बेट दिखाकर अपने फ्रंट ऑफर्स दे दे. जाए.
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तीन टाइप्स का ट्रैफिक
जब हम ट्रैफिक की बात करते है तो इसका मतलब है ऑनलाइन लोगो से है जो आपके पोटेंशियल कस्टमर
बन सकते है. अब तीन टाइप के ट्रैफिक होते है. एक टाइप का ट्रैफिक होता है जिसे आप कण्ट्रोल कर सके,
दूसरा जिसे आप कण्ट्रोल नहीं कर सकते और तीसरा जो आपका ट्रैफिक है. तो इसमें से बेस्ट टाइप का
ट्रैफिक वो है जो आपका खुद का है. ये वो कस्टमर है जो पहले ही आपके ब्लॉग या इमेल के साथ सब्सक्राइब्ड है. ये ट्रैफिक आपका अपना है इसलिए आप जब चाहे इन्हें मैसेज सेंड कर सकते है.
आपको कोई ऐड्स खरीदने की ज़रुरत नहीं है या कोई S.EO (सर्च इंजन ओप्टीमाईजेशन) भी नहीं चाहिए.
बस आपको इतना करना है कि अपने प्रोडक्ट के बारे में एक इमेल करनी है या एक ब्लॉग पोस्ट करना है.
ये आपके रीपीट कस्टमर होते है जिन्हें आप बार बार प्रोडक्ट बेच सकते है. इसमें आपका प्रॉफिट ज्यादा है
क्योंकि आपके मार्केटिंग की कोस्ट बच जाती है. जब रशेल ब्रोनसन अपना ऑनलाइन बिजनेस स्टार्ट कर रहे थे तो तब उनकी इमेल वाली लिस्ट में सिर्फ 200 लोग ही थे. उन्होंने ये नंबर बढाया और बाद में उनकी इमेल लिस्ट में 1000 और उसके बाद 10,000 तक कस्टमर जुड़ गए. आज की डेट में रशेल की इमेल लिस्ट में 500,000 लोग है अब ज़ाहिर सी बात है कि उनका प्रॉफिट कई गुना बड गया है.
आपको सारे ट्रैफिक को अपना ट्रैफिक बनाने के लिए थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. जितने ज्यादा लोग आपके इमेल या ब्लोग पोस्ट से सब्सक्राइब्स होंगे उतने ज्यादा ही प्रोडक्ट आप बेच सकते है. आपको बस दुसरे टाइप के ट्रैफिक को अपनी इमेल लिस्ट में कन्वर्ट करने की ज़रुरत है, ट्रैफिक जो आप कण्ट्रोल करते है और ट्रैफिक जो आप कण्ट्रोल नहीं करते. जो ट्रैफिक आप कंट्रोल करते है वो होता है जो आपको ऐड्स पे करने पर मिलता है. ये आपका खुद का ट्रैफिक नहीं है क्योंकि ये आपको गूगल या फेसबुक से मिलता है. मगर फिर भी आप इसे कण्ट्रोल कर सकते है क्योंकि आप इसको अपनी वेबसाईट की तरफ रीडायरेक्ट कर सकते है अगर कोई उस ऐड्स पर क्लिक करे तो. मगर इसके साथ यही प्रोब्लम है कि आपको इसके लिए पे करना पड़ता है. अगर ज्यादा कस्टमर चाहिए तो हर क्लिक पर या बैनर ऐड्स के हिसाब से उतना ही ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा. तो आप इसके लिए एक squeeze पेज बना ले. पर एक ही कंटेंट है और वो है रशेल ब्रोंनसन के इमेल लिस्ट को ज्वाइन करने का इनवीटेशन. यही पर लोग क्लिक करते है और ऐड्स उन्हें रीडायरेक्ट करता है.
वे चाहे तो अपना इमेल एड्रेस प्रूवाइड कर सकते है या फिर पेज से एक्जिट हो सकते है. इस स्क्वीज़ पेज
को यूज़ करके आप ज्यादा से ज्यादा लोगो को अपने ट्रैफिक में कन्वर्ट कर सकते है. और लास्ट में वो ट्रैफिक जो आप कण्ट्रोल नहीं करते, इसमें वे लोग आते है जो गलती से आपके ब्लॉग पर आ जाते है हो सकता है कि उन्होंने सोशल मिडिया में आपकी साईट के बारे में सुना हो या अचानक आपका कोई यू ट्यूब वीडियो देखा हो. अगर नहीं तो है कि उन्हें गूगल के सर्च रिजल्ट से आपका पता मिल गया हो. अब जो पहली चीज़ ये लोग आपके ब्लॉग पर देख्नेगे वो एक “मोडरेट स्क्वीज़ पेज होगा. रशेल ने हमेशा से ही अपने ब्लॉग का टॉप पार्ट में लोगो को अपने इमेल एड्रेस देने के लिए इनवाईट किया है. उसने एक वीडियो भी डाला हुआ है ताकि लोगो को उनके ऑफर के बारे में पता चले. लेकिन रशेल की इमेल लिस्ट ज्वाइन करने की इनविटेशन हर ब्लॉग पोस्ट में क्लियरली डाली जाती है. ये ब्लॉग उनके लिए एक मोडरेट स्क्वीज़ पेज की तरह काम करता है. यही वो तरीका है जिससे रशेल ब्रोनसन की इमेल लिस्ट इनक्रीज होकर 500,000 के नम्बर तक पहुँच सकता
DotCom Secrets: The
Underground Playbook f…
Russell Brunson
द अट्रेक्टिव केरेक्टर
क्या आपके मेल बोक्स मे ऐसी कोई इमेल है जो आपने कभी नहीं पढ़ी ? हो सकता है जो साइट्स आपने कभी विजिट ये मेल्स वहां से हो. खैर जो भी हो आपने ज़रूर इनके मेलिंग लिस्ट को सब्सक्राइब किया होगा.
लेकिन इन्हें खोलकर चेक करने का ख्याल आपको कैसे नहीं आया ? हो सकता है इनमे कुछ अच्छे
प्रोडक्ट्स मिल रहे हो. तो क्यों आप इन्हें खरीदने के लिए अट्रेक्ट नहीं हुए यही पर अट्रेक्टीव केरेक्टर हमेशा काम आता है. अपने कस्टमर से कम्यूनिकेट करने के लिए आपको एक परसोना क्रियेट करने की ज़रुरत है. आपको एक अट्रेक्टिव केरेक्टर की ज़रुरत है ताकि जो आप बेच रहे है वो लोग खरीद सके.
क्या आपने SUBWAY के बर्गर खाये हैं? तो सबवे वालो ने एक करेक्टर ढूढा था जिसका नाम थाजार्ड
फ़ास्ट फूड चैन ने जार्ड को डिसकवेर्ड किया है जो 400 पाउंडस से भी ज्यादा वेट वाला एक बड़ा सा आदमी है. एक बार उसने हर दिन दो सबवे सैंडविच की डाईट स्टार्ट की. वो बस सारे दिन यही खाता रहता था. कुछ सालो बाद उसके दो सबवे सैंडविच डाइट का अमेजिंग रिजल्ट मिला. उसका काफी वेट कम हुआ.
तब सबवे ने जार्ड को अपना अट्रेक्टिवकेरेक्टर बना लिया. फ़ास्ट फूड चैन ने जार्ड की स्टोरी को हर जगह
स्प्रेड करना शुरू कर दिया. जार्ड सबवे के कमर्शियल और बिल बोर्ड्स में छा गया. सबवे ने उसे सैंडविच के
वेट लोस बेनिफिट का मॉडल बना दिया. जार्ड को लेकर सबवे ने एक स्ट्रेटीज़ अपनाई जिसने उसे हर कॉम्पटीशन में अलग खड़ा कर दिया. सबवे ने जार्ड को लेकर एक इफेक्टिव और अट्रेक्टिव केरेक्टर
बनाया. क्योंकि ऐसे कई लोग जो वेट लूज़ करना चाहते है, जार्ड की स्टोरी से रीलेट कर सकते है. कस्टमर जार्ड के स्ट्रगल को फील कर पाए क्योंकि वे भी वही चाहते है जो जार्ड ने अचीव किया. कई सारे कस्टमर ने सबवे के इस टू सैंडविच पर डे वाली डाईट को फॉलो किया. जार्ड की वजह से ही सबवे लगातार पंद्रह सालो तक प्रॉफिट कमाता रहा. आप कहेंगे कि आप उतने इंट्रेस्टिंग नहीं है. लेकिन अगर आप अपने पहले के एक्सपेरिएंस पर नज़र डाले तो कई सारी स्टोरीज़ ऐसी होंगी जिससे कस्टमर रीलेट कर पायेंगे. अगर नहीं तो आप उन लोगो की स्टोरीज़ बता सकते है जिन्हें आप जानते है.
“स्टोरीज़ एक बहुत बढ़िया मीडियम है अपने आडियंश के साथ कम्यूनिकेट करने के लिए” ऐसी छेह स्टोरीलाइन्स है जो आप सुना सकते है.” बहुत सारे बिजनेस इन्हें अपने एडवरटीज़मेंट और इमेल्स के
लिए यूज़ करते है. आपने अक्सर ये स्टोरीज़ सुनी होंगी क्योंकि ये कस्टमर को अट्रेक्ट करने के लिए काफी
इफेक्टिव है. पहली स्टोरी लाइन लोस और रीडेम्पशन के बारे में है. ये हार्डशिप से गुज़र कर वापस ट्रैक पर आने वाली टाइप की स्टोरीज़ है. ये कुछ इस तरह है” मेरे पास सब कुछ था, जिंदगी मज़े से गुज़र रही थी मगर फिर कुछ हुआ जिसने सब बदल दिया. मुझे कोई रास्ता निकालना ही था मगर मैंने अपने लोस से काफी कुछ सीखा, और अब मै बेहतर फील करता हूँ” दूसरी स्टोरी लाइन है “अस वर्सेस देम”. ये स्टोरीज़
आपको और आपके कस्टमर्स को दुसरे लोगो से सेपरेट करती है आपके कस्टमर भीड़ का हिस्सा नहीं है
क्योंकि वे आपके प्रोडक्ट या सर्विसेस यूज़ करते है. इस स्टोरी से आपके कस्टमर एक दुसरे के साथ एक बान्ड सा महसूस करेंगे. आपकी कंपनी के साथ उन्हें एक स्ट्रोंग कनेक्शन फील होगी जिसकी वजह से वे आपके ब्रांड के लॉयल हो जायेंगे और खुद को आपसे बीलोंग कर पाएंगे.
तीसरी स्टोरी लाइन है बीफोर और आफ्टर की. ये स्टोरी इस तरह है” मुझे पहले बहुत सारे पिम्पलस थे मगर
इस प्रोडक्ट को यूज़ करने के बाद मेरी स्किन एकदम आयल फ्री और स्मूद हो गयी है”. ये ट्रांसफोरमेशन
स्टोरीज़ हमेशा काम करती है और ये और भी इफेक्टिव होती है जब आप बीफोर और आफ्टर की पिक्चर्स यूज़ करते है. जो लोग सेम ऐसी ही प्रॉब्लम झेल रहे होंगे, वे आपका ज़रूर प्रोडक्ट खरीदेंगे. चौथी स्टोरी लाइन है अमेजिंग डिसकवरी” ओह माय गोश, यू गाइज…..वेट, पहले आप इस अमेजिंग प्रोडक्ट के बारे में जान ले जिसे मैंने जस्ट अभी डिस्कवर किया है ! तुम्हे इसे एक बार तो ट्राई करना ही पड़ेगा” लोग
अक्सर किसी ना किसी प्रॉब्लम का सोल्यूशन तो ढूंढ ही रहे होते है ऐसे में जब वे आपकी अमेजिंग डिस्कवरी
वाली स्टोरी लाइन सुनते है तो उन्हें यकीन हो जाता है कि फाइनली जो वे ढूंढ रहे थे वो प्रोडक्ट या सर्विस
उन्हें मिल गयी है. पांचवी स्टोरी लाइन है सीक्रेट टैलिंग. भला सीक्रेट्स किसे पसंद नहीं होते? मिस्ट्री और क्यूरियोसिटी कस्टमर को आपके बेट और फ्रंट एंड प्रोडक्ट तक ले आएगी. स्टोरी कुछ इस तरह हो सकती है, “ मुझे एक सीक्रेट पता चला है……अगर आप भी जानना चाहते है तो आपको….”
सिक्स्थ स्टोरी लाइन है थर्ड पर्सन टेस्टीमोनियल्स. ये स्टोरीज़ है आपके दुसरे कस्टमर्स की जिनका आपके
प्रोडक्ट या सर्विस के साथ बहुत बढ़िया एक्स्पेरियेसं रहा है. अपने कस्टमर, क्लाइंट्स या स्टूडेंट्स से जितना
हो सके उतनी ही टेस्टीमोनीयल स्टोरीज़ कलेक्ट करे जिसे आप बाकी लोगो को कन्विंस करने में यूज़ कर
सके ताकि बाकी लोग भी आपका प्रोडक्ट खरीदना चाहे. क्या आपने सप्लीमेंट्स के ऐड्स देखे है या डेटिंग
और वेट लोस प्रोडक्ट्स के? ये बिजनेस हमेशा ही अट्रेक्टीव केरेक्टर का पॉवर यूज़ करते है. क्योंकि
ये बड़ा इफेक्टिव होता है आपको ऐसी ही स्टोरीज़ चाहिए जिससे लोग आपसे रीलेट कर सके. अगर ऐसा
होता है तो ये पोसिबल है कि वे आपके प्रोडक्ट और सर्विस खरीद सकते है. जो पहली इमेल आप अपने
कस्टमर को भेजेंगे वो अट्रेक्टीव केरेक्टर की तरह ही होनी चाहिए. अगर आप ये काम ठीक से कर ले तो लोग आपसे कनेक्ट करेंगे और आपकी बात भी सुनना चाहेंगे. वे आपके इमेल्स खोलकर देखेंगे, आपका यूट्यूब वीडियो भी चेक करेंगे और फेसबुक पर आपके ऐड्स को भी देखेंगे.
कन्क्ल्यूजन
अब आपको ये सीक्रेट फार्मूला मालूम है. आपने वैल्यू लैडर और सेल्स फनल के बारे में भी जाना. ये कुछ
इम्पोर्टेन्ट फाउंडेशन है जिन्हें आप अपने ऑनलाइन बिजनेस के लिए अप्लाई कर सकते है. इमेजिन करे कि
अगर आप इनके मास्टर बन जाए तो आपकी कंपनी कितनी ज्यादा ग्रो करेगी. और आप ये भी सीखेंगे क
ड्रीम कस्टमर्स को कहाँ ढूँढा जाए. आपने थ्री टाइप्स ऑफ़ ट्रैफिक के बारे में भी सीखा. गोल्ड वेन को याद
रखे. आपको अपनी सेल्स इनक्रीज करने के लिए काफी मेहनत तो करनी ही पड़ेगी. जिसके लिए आपको
खूब सारा सर्च भी करना पड़ेगा और बहुत एफर्ट लगाना होगा. आपने एक अट्रेक्टीव केरेक्टर की पॉवर के बारे में भी जाना. हर किसी को अच्छी स्टोरी पसंद होती है. इन सिक्स स्टोरी लाइन्स की एडवांटेज लीजिये. जो भी आपका प्रोडक्ट या सर्विस हो, उसके साथ कोई ना कोई ग्रेट स्टोरी जोड़ी जा सकती है. आप क्या ऑफर करते है इसकी कोई लिमिट नहीं है. बस आपको अपनी इमेजिनेशन यूज़ करने की ज़रुरत है. आपमें वो एबिलिटी है कि आप अपना ऑनलाइन बिजनेस जितना मर्जी उतना एक्स्पेंड कर ले. अगर आपको कोई आईडिया नहीं मिल रहा तो आप कभी भी इस बुक की हेल्प ले सकते है. गुड लक, अब आप एक स्टेप क्लोज़र आ चुके है अपने मिलियन डॉलर के.